परमात्मा मनुष्य तन कब धारण करता है ?


कभी नहीं – एक बार भी नहीं | ब्रह्म हमेशा दृष्टा की भांति काम करते हैं, उन्हें मनुष्य रूप किसलिए धारण करना है ? अवतार भी मनुष्य ही होते हैं जिन्होंने समाज के उत्थान के लिए, धर्म को दोबारा स्थापित करने के लिए कुछ अद्वितीय शक्तियां प्रभु से प्राप्त की जिससे वे अधर्म के ऊपर धर्म की जीत हासिल कर, मानवता को एक relief दिला सकें |

 

महावीर से लेकर महर्षि रमण तक सभी मानव पैदा हुए और मानव भगवान बने | एक आत्मा में 1 करोड़ degrees Celsius से ज्यादा ताप होता है | अगर सूर्य के गर्भ में स्थित कोई आत्मा पृथ्वी के नजदीक भी आ गई तो हम सभी को क्या पूरी धरती को जला कर खाक कर देगी | और पूरे ब्रह्मांड की सभी आत्माओं के झुंड को हम ब्रह्म कहते हैं |

 

अध्यात्म के रास्ते पर चलने वाला सच्चा साधक इस हकीकत को समझता है लेकिन धार्मिक अनुष्ठानों में फंसे धार्मिक लोगों का क्या ?

 

Is God formless in Hinduism? भगवान साकार है या निराकार | Vijay Kumar Atma Jnani

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