युग के अंत में जब स्थिति काफी भयावह होती है, मनुष्य का अपने ऊपर कंट्रोल खत्म हो चुका होता है तो महावीर जैसे मानव भगवान भी कुछ नहीं कर पाते | ऐसे समय में जरूरत होती है एक ऐसे मनुष्य की जो सर्वज्ञाता हो और चाणक्य जैसी कूटनीति का मालिक भी हो | तभी संभव हो पाता है बिगड़ी हुई मानव संस्कृति को संभाल पाना |
चाणक्य से हमारा मतलब है जो लाखों सिपाहियों और जनता की जान बचाने के लिए एक ही रात में 100 राजा मरवा दे | अगर अधर्म पर धर्म की जीत होनी है तो चाणक्य जैसे अदम्य साहस की जरूरत पड़ती ही है | हर अवतार के दो मुख्य उद्देश्य होते हैं – आतंक को जड़ से खत्म करना और यह संभव हो पाता है एक महाभारत जैसे धर्मयुद्ध से |
धर्मयुद्ध के उपरांत जब अधर्मी लोग जड़ से खत्म हो जाते हैं तो फिर नए युग की संरचना करना | आने वाले समय में कल्कि अवतार पहले world war 3 में 120 करोड़ लोगों की मौत का नज़ारा देखेंगे और फिर अपने ज्ञान के बल पर सतयुग की शुरुआत करेंगे | 120 करोड़ लोगों की मौत के बाद मानवता को राह दिखाने के लिए अद्वितीय तत्वज्ञानी की जरूरत होगी |
और ऐसा काम सिर्फ एक अवतार ही कर सकता है जो एक तरह से धरती पर ब्रह्म का दूत ही होगा | यह दूत भारतीय शास्त्रों का ज्ञाता होने के बावजूद किसे एक धर्म या जाति विशेष से बंधा नहीं होगा | वह सभी के लिए समान रूप से कार्य करेगा और पूरे विश्व को स्वर्णयुग की ओर धकेलेगा | कल्कि अवतार के आने का मतलब होगा पूरी धरती पर शांति और अमन चैन |
भगवान का अवतार कब होता है? Vijay Kumar Atma Jnani