श्री कृष्ण के पश्चात किंतु कल्कि से पहले क्या भगवान ने कोई अवतार लिया है ?


महर्षि वेदव्यास ने महाभारत महाकाव्य की रचना इसलिए की कि वेदों, उपनिषदों का सार आम साधक तक पहुंच सके | उसी महाकाव्य के एक पात्र हैं भगवान कृष्ण जिनके माध्यम से महर्षि वेदव्यास ने भगवद गीता का ज्ञान पूरे संसार को दिया | भगवान कृष्ण द्वापर और कलियुग के संधिकाल में आए | हर युग के अंत में एक अवतार का आना ब्रह्म की तरफ से सुनिश्चित है | ऐसा होगा ही |

 

अभी कलियुग का अंत निकट है तो एक अवतार का आना तय है | कलियुग का अंत/ नाश करने वाला यानी कल्कि अवतार अब शीघ्र ही धरती पर अवतरण करेगा | दो युगों के बीच किसी अवतार के आने का कोई औचित्य नहीं | अवतार यानि धर्मयुद्ध के पश्चात धर्म की पुनर्स्थापना करने वाला | आने वाले समय में world war 3 कोई साधारण युद्ध न होकर एक स्थापित धर्मयुद्ध होगा – इतना भीषण कि 140 करोड़ से ज्यादा लोगों की मौत का निमित्त बनेगा |

 

धर्म की पुनर्स्थापना एक मानव भगवान जैसे महावीर, बुद्ध, आदि शंकराचार्य, रामकृष्ण परमहंस या महर्षि रमण नहीं कर सकते | उसके लिए जरूरत होती है एक महा मानव की जिसमे चाणक्य जैसे कूटनीति और महावीर जैसा कैवल्य ज्ञान कूट कूट कर भरा हो | अगर हम निस्तब्ध भाव से देखेंगे तो पाएंगे कि ब्रह्म द्वारा निर्धारित समयावधि अनुसार अवतार 3500 से 5000 वर्षों के बाद ही अवतरित होता है |

 

भगवान का अवतार कब होता है? Vijay Kumar Atma Jnani

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