आत्मा


आत्मा को कैसे बुलाए उस से बात कैसे करे ?

सत यानी सत्य का रास्ता अपनाकर हम अपनी आत्मा से बात कर सकते हैं और १२ साल की तपस्या से एक शुद्ध आत्मा बन सकते हैं यानी मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं |   Listen to Inner Voice coming from within our Heart | हृदय से आती आवाज को सुनना सीखें | Vijay Kumar


आप आत्मिक आनंद की प्राप्ति के लिए क्या करते हैं ?

जब एक आध्यात्मिक साधक अपने जीवन में अर्जुन बनने की कोशिश करता है तो वह समय समय पर आत्मिक आनन्दानुभूति महसूस करता है | आध्यात्मिक सफर हमेशा आत्मिक आनंद प्रदान करता है लेकिन खुद के लिए, परिवार हमेशा परेशानियों से जूझता रहता है |   What was the role of Arjuna in Mahabharata? आज का अर्जुन कौन आध्यात्मिक परिवेश में […]


जब आत्मा तत्व और शरीर मिट्टी है तो हम कौन है ?

मनुष्य (जीव) का कर्तव्य है निष्काम कर्म करना, तभी आत्मा (चेतना) अपने शुद्ध स्वरूप को वापस पाएगी | शरीर स्वयं से कुछ नही कर सकता जब तक चेतना साथ न हो | चेतना (आत्मा) के बाहर निकलते ही शरीर मृत हो जाता है |   आत्मा स्वयं निष्क्रिय रहती है | उसे कर्म करने के लिए शरीर की आवश्यकता होती […]


शरीर में कोई कोशिका जीवित शरीर से बाहर आ जाती है तब वह आत्मा के बगैर होगी क्योंकि आत्मा तो शरीर के अंदर ही है ?

आत्मा वास्तव में शरीर में विद्यमान न होकर सूर्य के गर्भ में विद्यमान है | हर आत्मा सूर्य में स्थित रहकर रिमोट कंट्रोल से धरती पर हर जीव का संचालन करती है | ऐसा शास्त्र कहते हैं |   Where does Soul live in Human Body? शरीर में आत्मा कहाँ निवास करती है? Vijay Kumar Atma Jnani


मरने के बाद इंसान की आत्मा 84,00,000 योनियों में भटकती है – आपका क्या दर्शन है ?

भारतीय शास्त्र कहते हैं मनुष्यों को ११ लाख योनियों के सफर से गुजरना पड़ता है | निष्काम कर्म योग में उलझकर हम यह सफर छोटा भी कर सकते हैं |   1.1 million manifestations in Human form? मनुष्य रूप में ११ लाख योनियों का सफर | Vijay Kumar


आत्मा का स्वभाव क्या है – पहले किसका सिमरन करे आत्मा या परमात्मा ?

भारतीय दर्शन शास्त्र कहते हैं कि हम एक आत्मा हैं न कि शरीर तो सिमरन प्रार्थना तो परमात्मा को समर्पित होगी |   Difference between Atman and Brahman | आत्मा परमात्मा में भेद | Vijay Kumar Atma Jnani


सनातन धर्म में व्यक्तिगत आत्मा और सार्वभौमिक चेतना ब्रह्म के बीच संबंध की अवधारणा कैसे है?

अगर गेहूं का एक दाना आत्मा है तो पूरी ढेरी परमात्मा |   Difference between Atman and Brahman | आत्मा परमात्मा में भेद | Vijay Kumar Atma Jnani


अपनी आत्मा को कब और किस प्रकार महसूस किया जा सकता है ?

अपनी आत्मा को हम न कभी देख सकेंगे न महसूस कर सकेंगे | अध्यात्म का रास्ता लेकर हम एक शुद्ध आत्मा जरूर बन सकते हैं यानी जन्म और मरण के चक्रव्यूह से हमेशा के लिए मुक्त | आत्मा ने मनुष्य शरीर धारण ही इसलिए किया है कि वह हमेशा के लिए शुद्धावस्था में आ जाए |   अध्यात्म यानी योग, […]


क्या आत्मा ही परमात्मा है ?

Suppose एक १००० pieces की puzzle है तो puzzle का एक piece एक आत्मा, और completed puzzle परमात्मा यानी ब्रह्म | ब्रह्माण्ड में जितनी भी आत्माएं हैं जब वो ८४ लाखवी योनि में पहुंच जाती हैं यानि पूर्ण शुद्धि प्राप्त कर लेती हैं तो वह अस्थ अंगुष्ठ (आधे अंगूठे) का आकार लेती हैं |आत्माओं के इसी गुच्छे को ब्रह्म परमात्मा […]


क्या आत्मा किसी के शरीर में प्रवेश कर अपनी इच्छाओं की पूर्ति करती है ?

आत्मा शरीर में प्रवेश नहीं करती | वह तो शरीर को धारण करती है | जब हम कोट पैंट पहनते हैं हम उसमे प्रवेश नहीं करते बल्कि पहनते हैं | वह हमारे लिए एक आवरण है | उपनिषद् कहते हैं सौर मंडल से जुड़ी सारी आत्माएं सूर्य के गर्भ में या सतह पर रहती हैं | वहीं से वे remote […]


हमारे शरीर में कितनी आत्मा है ?

उपनिषद कहते हैं मनुष्य को चलाने वाली आत्मा सूर्य के गर्भ या सतह पर स्थित है | वहीं से वह रिमोट कंट्रोल से सबकुछ govern करती है | Remote switch से मानव शरीर में operate होने वाला पार्ट है हमारा दिल (हृदय) | Remote switch off, दिल धड़कना बंद कर देगा और मानव शरीर की मृत्यु हो जायेगी |   […]


क्या किसी ने आत्मा देखा है ?

आत्मा को भौतिक आंखों से देखा तो नहीं जा सकता लेकिन आध्यात्मिक जीवन में महसूस किया जा सकता है | मैंने ५ वर्ष की आयु से हृदय से आती आत्मा की आवाज को इस तरह से सुना है जैसे आप और हम आपस में बात करते हैं |   हृदयस्थल से आती इस आवाज की वज़ह से मेरी अपनी आध्यात्मिक […]


कुत्ते की आत्मा और शेर की आत्मा में क्या अन्तर है ?

इस जन्म में हम पिछले जन्म में मृत्यु के समय के कार्मिक शेष के आधार पर पुरुष पैदा हुए | हो सकता है अगला शरीर जो हमारी आत्मा ले वह स्त्री का हो | इस जन्म में ब्राह्मण कुल में जन्म लिया, अगले में क्षत्रिय पैदा हों | इसी प्रकार जो आत्मा कुत्ते का शरीर धारण कर रही है, हो […]


आत्मा और अंहकार में क्या अंतर है ?

आत्मा ने शरीर धारण किया लेकिन खुद दृष्टा भाव में स्थित रहती है | तो शरीर यानि जीव काम क्यों करेगा ? इसलिए ब्रह्म ने शरीर को अहं (अहंकार) से युक्त किया | अहंकार में डूबा इंसान न जाने कहां कहां भागता रहता है, स्थिर नहीं रहता | अध्यात्म के रास्ते पर चलने के लिए सबसे जरूरी है हम अपने […]


आत्मा किस प्रकार जीव को जीवित रखती है ?

हर आत्मा सूर्य के गर्भ में रहकर मनुष्य को वहीं से remote control से चलाती है | जब बच्चा गर्भ में आता है तो remote switch ON कर देती है और बच्चे का दिल धड़कने लगता है | उसके बाद कर्म theory हमारी जिंदगी govern करती है | जैसा कर्म करेंगे उतने दिन जिएंगे | नशे की लत पड़ जाए […]


क्या एक आत्मा दूसरी आत्मा से बात कर सकती है ?

एक आत्मा को दूसरी आत्मा से बात करने की इजाजत नहीं दी ब्रह्म ने | क्यों ? जब आत्मा दृष्टा की भांति काम करती है तो interaction कैसा और किसलिए ? Interaction करने की वजह भी तो होनी चाहिए | जब आत्मा एक शरीर manifest करती है तो कारण अपने आप उत्पन्न हो जाता है | मूलतः देखा जाए आवाज़ […]


आत्मा और प्राण क्या एक ही है ?

आत्मा वह चेतन तत्व है जो अजर अमर है, सृष्टि के खत्म होने पर भी रहता है | अपने ब्रह्मांडीय सफर में आत्मा जब शरीर धारण करती है तो पंच महाभूतों से बने शरीर में प्राण फूंकती है | कैसे ? आत्मा तो सूर्य के गर्भ में विद्यमान है | धरती पर मां के शरीर में जब शिशु आता है […]


आत्मा सो जाने के बाद कहां जाती है ?

धरती पर जितना भी जीवन है, हर जीव (मनुष्यों समेत) की आत्मा सूर्य के गर्भ में स्थित है | इस बात का उपनिषदों में भलीभांति उल्लेख मिलता है | सभी आत्माएं remote control से धरती पर शरीर को संचालित करती हैं | मनुष्य जागा हो या सोया हुआ, आत्मा सूर्य से ही अपना काम करती रहती हैं |   कभी […]


आत्मा की मृत्यु क्यों नहीं होती ?

आत्मा वो चेतन तत्व है जो ब्रह्माण्ड के रहने या प्रलय के समय खत्म हो जाने पर भी रहती है | जब प्रलय होती है तो पूरा ब्रह्माण्ड सिमट कर आधे अंगूठे (अस्थ अंगुष्ठ) के आकार में आ जाता है | यह अस्थ अंगुष्ठ है क्या ?   Scientists इसे singularity कहते हैं, आध्यात्मिक दृष्टि से हम इसे ब्रह्म पुकारते […]


क्या कोई प्रत्यक्ष में आत्मा का स्वरूप देख सकता है ? किस प्रकार ?

क्या हम सूर्य ग्रहण के समय कभी सूर्य की ओर भौतिक नज़रों से देख पाए | क्या यह संभव है ? कुछ क्षणों के लिए तो संभव है ज्यादा देर नहीं | आत्मा जो अपने नैतिक स्वरूप में करोड़ degree तापमान से ज्यादा पैदा करती है, क्या हम उसे कभी देख पाएंगे ?   यही कारण है सारी आत्माएं सूर्य […]


दो आत्माओं के बीच विश्वास सबसे बड़ा रिश्ता है इस रिश्ते में दोनो आत्मा के सभी गुण समा जाते हैं ?

कोई भी आत्मिक रिश्ता सिर्फ और सिर्फ सत्य पर आधारित है जो हर आत्मा का मूल है | सत्य और धर्म हर आत्मा के साथ हर समय विद्यमान है | जब भी कोई जीव (मनुष्यों समेत) पैदा होता है तो धर्म साथ साथ चलता है | जब एक जीव दूसरे जीव से interact करता है तो अगर वह रिश्ता या […]


पहले लोग मरते थे आत्मा भटकती थी अब आत्मा को मार लोग भटक रहे हैं ?

एक समय था जब आकस्मिक मृत्यु हो जाने पर लोगो के बीच यह किवदंती फैल जाती थी कि अब यह आत्मा चिरकाल तक भटकेगी | नॉर्मल मृत्यु होने पर ऐसी बातें नहीं कही जाती थी | समय बदला, कलियुग का प्रकोप और यह बात प्रचलन में आ गई कि आत्मा को मार लोग भटक रहे हैं | कलियुग में असत्य […]


एक आत्मा अपने माता-पिता का चयन कैसे करती है ?

आत्मा ने जो शरीर धारण कर रखा है, मृत्यु के समय उस शरीर का जो भी karmic balance होता है, उस आधार पर आत्मा matching parents ढूंढती है | अगर मैचिंग माता पिता उपलब्ध हैं तो आत्मा तुरंत नया शरीर धारण कर लेती है | अगर नहीं तो आत्मा स्वर्ग या नरक में वास करती है सिर्फ उतने समय के […]


आत्मा अमर है तो लोग मरने से क्यों डरते हैं ?

जब तक जीव को आत्मज्ञान नहीं हो जाता, वह दोनों जन्म और मृत्यु को कौतूहल से देखता है | मौत का डर जीव को हर पल इसलिए सताता है कि मेहनत कर जो इकट्ठा किया वह सब छूट जाएगा | सिर्फ धन संपदा ही नहीं, अपनों का साथ भी |   आत्मा अजर अमर है, शरीर नहीं | शरीर तो […]


जीव में ईश्वर किस प्रकार समाविष्ट है ?

इस प्रकरण को अद्वैत वेदांत की दृष्टि से देखें | जब ब्रह्माण्ड की रचना/उत्पत्ति नहीं हुई थी उस समय सिर्फ और सिर्फ ब्रह्म exist करते थे | ब्रह्माण्ड बना और धीरे धीरे सूर्य और धरती प्रकट हो गए | जो आत्माएं ब्रह्माण्ड में विचरण कर रही थी, जैसे ही उन्हें जीवन के योग्य धरती मिली उन्होंने शरीर धारण करना शुरू […]


गहरी निद्रा की अवस्था में हमारी आत्मा की स्थित क्या होती है ?

जब से मनुष्य ने होश संभाला है आत्मा दृष्टा की भांति सूर्य के गर्भ में मग्न रहती है | Remote control से हमारे हृदय को चलाती है | वह भी जन्म के समय स्विच ON और आयु पूरी होने पर स्विच OFF | बीच में कोई छेड़खानी नहीं |   सब कुछ यथावत चलता रहता है बिना किसी व्यवधान के […]


मृत परिजन की आत्मा से कैसे बात करें ?

भगवान के दरबार में कोई ऐसा साधन नहीं जहां एक आत्मा दूसरी आत्मा से बात कर सके | इस जन्म में वो तुम्हारे पिता थे | मृत्यु के साथ रिश्ता खत्म | क्यों ? पता नहीं मृत्यु के बाद तुम्हारे पिता की आत्मा कहां और किस घर में दूसरा शरीर लेगी |   नया जीवन नया परिवार | पिछले रिश्ते […]


क्या आत्मा सच में होता है ?

आत्मा होती है इस बात को इस तरह से समझें – जब ब्रह्माण्ड उत्पन्न होता है तो वेद/उपनिषद कहते है कि ब्रह्म स्वयं को big bang से फोड़ते हैं | अब यह ब्रह्म जिन्हें हम भगवान कहते हैं, ये हैं क्या ? ब्रह्माण्ड में मौजूद सभी आत्माएं प्रलय के समय शुद्ध रूप पा जाती हैं | अगर कोई आत्मा कीट […]


आत्मा का लक्ष्य क्या होता है ?

ब्रह्मांडीय सफर में जब आत्मा परमात्मा (ब्रह्म) के घर से निकलती है तो अशुद्धियां उसे घेर लेती हैं | आकाशीय सफर में जैसे ही आत्मा को पृथ्वी जैसा ग्रह मिलता है जहां वह शरीर धारण कर सके तो आत्मा का ब्रह्मांडीय सफर हमेशा के लिए अस्त हो जाता है | हमेशा के लिए – क्योंकि आत्मा सूर्य के चंगुल से […]


क्या आत्माओं की संख्या निर्धारित अथवा सीमित नहीं है जो बढ़ती आबादी के साथ आत्माओं की संख्या बढ़ जाती है ?

800 करोड़ लोग धरती पर रहते हैं यानी 800 करोड़ आत्माएं | मनुष्य योनि पशु पक्षियों की योनि के बाद मिलती है | यानि जितने भी पशु पक्षी इस समय धरती पर मौजूद हैं वह एक दिन मनुष्य योनि में आएंगे | जितने भी पेड़ पौधे धरती पर मौजूद हैं वह एक दिन पशु पक्षियों की योनि और फिर मनुष्य […]