अपनी आत्मा को कब और किस प्रकार महसूस किया जा सकता है ?


अपनी आत्मा को हम न कभी देख सकेंगे न महसूस कर सकेंगे | अध्यात्म का रास्ता लेकर हम एक शुद्ध आत्मा जरूर बन सकते हैं यानी जन्म और मरण के चक्रव्यूह से हमेशा के लिए मुक्त | आत्मा ने मनुष्य शरीर धारण ही इसलिए किया है कि वह हमेशा के लिए शुद्धावस्था में आ जाए |

 

अध्यात्म यानी योग, ध्यान का रास्ता, चिंतन के माध्यम से | जब हम गहन अध्यात्म में उतरते हैं तो यह अहसास होता है कि एक ही जीवन है | क्यों न अपनी आत्मा से बात की जाए और आध्यात्मिक उन्नति की जाए | अपनी आत्मा से बात करने के लिए हमें सत्य के रास्ते पर चलना होगा | तभी हम अपने हृदय से आती आत्मा की आवाज को भलीभांति सुन सकेंगे | सत्य के मार्ग पर चलना कठिन तो है नामुमकिन नहीं |

 

Listen to Inner Voice coming from within our Heart | हृदय से आती आवाज को सुनना सीखें | Vijay Kumar

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