आत्मा प्राण का कारक होती है | आत्मा ने धरती पर शरीर धारण किया | लेकिन उसमें जान कौन फूंकेगा ? जब मां के गर्भ में बच्चा आता है तो उसका ह्रदय कुछ दिनों बाद धड़कना शुरू होता है | सही समय पर आत्मा जो सूर्य के गर्भ में विद्यमान है remote control से हृदय को ON कर देती है और प्राण प्रतिष्ठा हो जाती है |
धरती पर एक नए जीव की उत्पत्ति शुरू हो जाती है | उस जीव का remote हमेशा आत्मा के पास रहता है और उचित समय आने पर आत्मा remote से स्विच OFF भी कर देती है और शरीर मृत्यु को प्राप्त होता है | यह ON और OFF की प्रक्रिया आत्मा द्वारा होती जरूर है लेकिन इसका कारक मनुष्य खुद होता है | कैसे ?
धरती पर मनुष्य द्वारा किए गए कर्म और उनका कर्मफल तय करते हैं आत्मा को अगला शरीर कब, कहां (जगह) और किस परिवार में मिलेगा | अंततः हम देखेंगे ब्रह्म ने reality में हमें ही सब क्रियाओं का मालिक बना रखा है | हमारे पास will power देखने के लिए नहीं, इस्तेमाल के लिए हैं | जैसा कर्म करेंगे वैसा फल मिलेगा |
Where does Soul live in Human Body? शरीर में आत्मा कहाँ निवास करती है? Vijay Kumar Atma Jnani