सबसे पहले वेद इस धरा पर आए – सीधे ब्रह्म से | सभी वेद इतने voluminous थे कि उनका सार आम जनता तक पहुंच नहीं पा रहा था | इस समस्या का समाधान ऋषियों के एक समूह ने निकाला |
जिसकी जैसे रुचि थी उसी विषय को विस्तार दिया | किसी उपनिषद में आत्मा के ऊपर जानने योग्य लगभग सभी ज्ञान मिल जाएगा | दूसरे में ब्रह्म के ऊपर, तीसरे में मोक्ष के ऊपर इत्यादि | माना यह जाता है कि हर उपनिषद का रचयिता एक ऋषि है |
आज के समय में अगर कोई साधक मोक्ष प्राप्त करना चाहता है तो गीताप्रेस, गोरखपुर से प्रकाशित सिर्फ ईशादि नौ उपनिषद् (66) ले आए जो लगभग Rs. 100/= में मिल जाएगी | इसके अलावा छान्दोग्य उपनिषद और बृहदारण्यक उपनिषद की टीकाएं काफी रहेंगी |
इन 11 उपनिषदों की टीका से लैस साधक को सिर्फ श्रीमद्भगवद्गीता – पदच्छेद, अन्वय और साधारण भाषाटीकासहित (17) गीताप्रेस से और चाहिएगी | सिर्फ 12 टीकाएं लगभग Rs. 700/= की, और मनुष्य कोशिश करे तो मोक्ष द्वार तक पहुंच सकता है |
What spiritual books should i read | कौनसी आध्यात्मिक पुस्तकें पढ़े | Vijay Kumar Atma Jnani