अगर बाल्टी में मोटा छेद कर देंगे तो बाल्टी पूरी भरेगी कैसे ? मूलाधार में एकत्रित वीर्य/ अमृत अगर यूं ही व्यर्थ की शारीरिक क्रियाओं में व्यर्थ कर देंगे तो कुण्डलिनी को ऊर्ध्व करने के लिए ऊर्जा कब इकट्ठी होगी \ कहां से आयेगी ?
संभोग से समाधि की ओर, एक mentally corrupt स्टेटमेंट है | ब्रह्मचर्य के रास्ते पर सेक्सुअल क्रिया की कोई जगह नही | जब तक साधक समस्त सेक्सुअल ऊर्जा (जो मूलाधार में एकत्रित होती रहती है) को कुण्डलिनी की ओर channelize नहीं करेगा, चक्र नहीं खुलेंगे | एक के बाद एक चक्र नहीं खुलेंगे तो निर्विकल्प समाधि की अवस्था तक पहुंचेंगे कैसे ?
15 वर्ष की उम्र तक मैंने आचार्य रजनीश की ज्यादातर पुस्तकें पढ़ ली थी | बेहद खुश था उनके ज्ञान और achievements पर | जैसे ही मैंने ‘संभोग से समाधि की ओर‘ पढ़नी शुरू की मन आचार्य रजनीश से हमेशा के लिए विमुख हो गया | कितना आदर करता था मैं आचार्य रजनीश के विचारों का, सब गुड़गोबर कर दिया | और जाओ, भारत को छोड़ अमेरिका में – विदेशी महिलाओं के बीच | विदेशी महिलाएं अध्यात्म समझेंगी ?
भारत के 10,800 साल पुराने गौरवशाली इतिहास में अभी तक सिर्फ दो नारियों को अध्यात्म के अंतिम पड़ाव तक पहुंचने का मौका मिला – संत Gargi और Maitreyi (महर्षि याज्ञवल्क्य की दूसरी पत्नी) | आचार्य रजनीश शुरू में मेरे आदर्श थे, वे भी दिगम्बर जैन, मैं भी |
अंत समय में नग्नता आचार्य रजनीश के दिमाग में समा गई, तभी US govt ने देश से बाहर निकाल फेंका | चाहते तो थे समुद्र में फेंकना तट से 100 km दूर हेलीकॉप्टर द्वारा, लेकिन भारत के intervention पर भारत भेजा | गूगल करें – आचार्य रजनीश से रिलेटेड सारी बातें अब public domain में उपलब्ध हैं |
सच्चा आध्यात्मिक साधक कभी आचार्य रजनीश की तारीफ कर ही नहीं सकता | मैंने अपनी आंखों से नंगी विदेशी महिलाओं को आचार्य रजनीश के पुणे commune में विचरते देखा है | क्या यही है भारतीय संस्कृति, भारतीय दर्शन, भारतीय आध्यात्मिक परंपरा ?
What is the concept of Brahmacharya? ब्रह्मचर्य क्या है | Vijay Kumar Atma Jnani