जब हम किसी और की भलाई के लिए भगवान से कुछ मांगते हैं तो कुछ अंश अपने पुण्य कर्मफल से ब्रह्म को समर्पित करना ही होता है लेकिन अध्यात्म की सबसे बड़ी विशेषता यह है – जब हम औरों का भला सोचते हैं तो हमें ब्रह्म से गुप्त अनुदान के रूप में बहुत कुछ मिलता रहता है | जब भी हम मानव सेवा मन से करते हैं तो ब्रह्म बेहद खुश होकर हमारी झोली भरते रहते हैं |
अगर ऐसा नहीं होता तो 2012 में US में एक washer woman (धोबिन) की 780/= करोड़ की लॉटरी कैसे लगती ? कुछ तो बहुत ही विशेष काम उस lady ने पिछले जन्मों में मानवता के लिए किया होगा – कुछ बड़ा काम | भगवान के घर देर है अंधेर नहीं – औरों के लिए किए गए अच्छे कामों का सिला एक दिन भगवान देते ही हैं |
जब भी हमें किसी के लिए कोई विशेष प्रार्थना करनी हो तो दिल खोल कर करनी चाहिए | अगर हमारे हिस्से से शुरू में कुछ गया भी तो चौगुना होकर अंततः लौटेगा | यह मैं personal experience के basis पर कह रहा हूं | आध्यात्मिक सफर में मैं 5 वर्ष की आयु से औरों के लिए जीता आया हूं | भौतिक जिंदगी में तो कुछ नहीं लौटा, लेकिन आध्यात्मिक सफर में चौगुना होकर |
How do you express Gratitude in words to God? भगवान की कृपा के प्रति कृतज्ञता | Vijay Kumar