कर्म फल आदमी कब और किस प्रकार भुगतता है ?


कर्मफल हमेशा आत्मा का होता है न कि शरीर का जो आत्मा ने धारण किया है | भगवद गीता में भगवान कृष्ण स्पष्ट कहते हैं, कर्म करो, फल की चिंता मत करो | क्यों ? क्योंकि फल automatically आत्मा तक पहुंच जाता है |

 

कृष्ण यह भी कहते हैं कर्म निष्काम भाव से करो | इससे क्या होगा ? जब हम किसी भी कर्म को निष्काम भाव से करते हैं वह हमें बांधता नहीं | यही कारण है कि किए गए कर्म का फल तुरंत नहीं मिलता | कब मिलेगा किसी को नहीं मालूम |

 

इंसान हमेशा परेशान न रहे, इसलिए कृष्ण ने प्रतिपादित किया कि हमेशा पुण्य कर्म में लिप्त रहो अन्यथा अनर्थ भी हो सकता है | आज किए गए कर्म का फल तुरंत, ४ दिन बाद, ४ महीने बाद, ४ साल बाद या १० योनियों बाद भी मिल सकता है या कहें फलित होगा | जो कर्म हमने आज किए हैं उनका फल हमें इस जन्म में मिल सकता है या अगले जन्म में नए शरीर को, जो हमें मृत्यु के बाद मिलेगा |

 

Nishkama Karma Yoga | निष्काम कर्म योग का महत्व | Vijay Kumar Atma Jnani

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