कुंडली हो या ज्योतिष शास्त्र, जीवन की बागडोर हमेशा हमारे पास रहती है | सात्विक सोच और अच्छे कर्मों से हम जीवन में सब कुछ साध सकते हैं | ब्रह्म ने हमें will power दी है जिसका सही इस्तेमाल करके हम कहीं भी पहुंच सकते हैं |
मेरी कुंडली में क्या लिखा था नहीं मालूम, लेकिन भगवान तक इसी जन्म में पहुंचने की ठान ली | ६ १/२ वर्ष की आयु से ब्रह्म की खोज में चला और ३७ में सफर पूरा हो गया जब ब्रह्म से २ १/२ घंटे साक्षात्कार हो गया | स्वामी विवेकानंद ने भी कर्म करने पर जोर दिया है | कर्म की परिभाषा को भलीभांति समझो और आगे बढ़ जाओ |
ज्योतिष शास्त्र कर्म प्रधान है | कर्म बड़ा या भाग्य | Astrology and Karma theory | Vijay Kumar