जब कर्म समाप्त हो जाता है तो क्या होता है ?


अगर कर्म zero शून्य हो जाएं यानी कर्मों की पूर्ण निर्जरा हो जाए तो जानते हैं क्या होगा – साधक उसी समय रामकृष्ण परमहंस या महर्षि रमण बन जन्म और मृत्यु के चक्रव्यूह से हमेशा के लिए मुक्त हो जाता है | जब से ब्रह्मांड बना है कर्म theory प्रधान है | आत्मा शरीर धारण करती है कर्मों की निर्जरा करने के लिए | कर्मों की निर्जरा मतलब आत्मा अपने शुद्ध रूप में वापस आ गई | शुद्ध आत्मा यानि उसे शरीर धारण करने की आवश्यकता नहीं रह गई |

 

आत्मा की इसी शुद्ध अवस्था को मोक्ष कहते हैं | यानि मनुष्य अध्यात्म का रास्ता लेकर अंततः ८४ लाखवी योनि में स्थापित हो गया |

 

What Karma really means? कर्म का वास्तव में क्या अर्थ है? Vijay Kumar Atma Jnani

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