कलयुग असत्य है या सत्य ?


क्या एक मां बहू या बेटी पूर्ण निश्चिंत हो २४ घंटे में किसी भी पहर अकेले कहीं भी जा सकती है | अगर हम कहते हैं नहीं तो कलियुग की बुरी प्रवत्तियां मुंह बाये खड़ी हैं | कलियुग का अंत तो होना ही है लेकिन कैसे ? भारतीय दर्शन शास्त्र कहते हैं अधर्म का अंत और धर्म की पुनर्स्थापना के लिए एक अवतार का अवतरण होता है | अभी कलियुग का अंत समय (संधिकाल) गुजर रहा है | जल्द ही विध्वंस शुरू होगा |

 

आने वाले समय में Christian और Islam धर्म के बीच भीषण युद्ध शुरू होगा | पूरे विश्व में १२० ~ १४० करोड़ लोग मारे जाएंगे | उसके पश्चात चिर शांति | किसी को समझ नहीं आएगा आगे कैसे जिएं | १२० करोड़ लाशों का अंबार ? ऐसे समय में भारतीय शास्त्र कहते हैं कल्कि अवतार का अवतरण होगा | वह बची मानवता को अध्यात्म की सीख देंगे – क्या लाए थे जो चला गया | क्यों रोते हो | और उन्हें अपने पैरों पर खड़े होने की हिम्मत देंगे |

 

तब जाकर जनमानस के अंदर से पैसों का, दिखावे का भूत उतरेगा | हर इंसान साधक बन अध्यात्म में डूब जाएगा | सब मोक्ष के रास्ते को समझ उस पर चलने को उतावले होंगे | २०३२ तक सतयुग चालू हो जाएगा और २०३४ तक भारत, अखंड भारत कहलाएगा |

 

2024 से 2032 तक का समय आध्यात्मिक दृष्टिकोण से | Vijay Kumar Atma Jnani

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