गुरु


क्या गुरु के बिना अध्यात्मिक मार्ग पर चल सकते हैं ?

अध्यात्म यानि अंतर्मुखी हो आंतरिक यात्रा में खो जाना – जो करना है साधक ने करना है | हमारे क्लेश कोई गुरु नहीं मिटा सकता – कर्मों की निर्जरा हमें खुद ही करनी होगी | अध्यात्म के रास्ते पर गुरु की आवश्यकता महसूस होती है जब हमें अपने प्रश्नों के उत्तर नहीं मिल पा रहे | लेकिन फिर गुरु तत्वज्ञानी […]


असली आध्यात्मिक गुरु की क्या पहचान है ?

अध्यात्म के क्षेत्र में वही गुरु कुछ दे सकता है जिसने ब्रह्म का साक्षात्कार किया हो – जो आध्यात्मिक सफर के आखिरी छोर पर पहुंच गया हो | अधपके ज्ञान को लेकर आप क्या करेंगे | अगर आपने कोई प्रश्न पूछा – और उस so-called गुरु ने किताबी ज्ञान दे भी दिया तो क्या फायदा होगा ? फिर आध्यात्मिक प्रगति […]


आप अपना गुरु किसे मानते हैं ?

पांच वर्ष की आयु से साक्षात ब्रह्म को गुरु माना और समझा | ब्रह्म से मेरा रिश्ता कैसा है यहां देखें –   How do you express Gratitude in words to God? भगवान की कृपा के प्रति कृतज्ञता | Vijay Kumar


कोई है जिसकी कुंडलिनी पूर्ण तरह से जाग्रत हो मुझे एक गुरु की जरूरत है ?

अगर भगवान कृष्ण सशरीर आकर हमारे घर में रहने लगे तो क्या हम उनसे कुछ भी आध्यात्मिक प्राप्त कर पाएंगे | नहीं | आध्यात्मिक सफर में जरूरत पड़ती है ध्यान में उतरने की चिंतन के माध्यम से | आध्यात्मिक सफर एक आंतरिक सफर है जो स्वयं ही करना पड़ता है |   Dhyan kaise karein | ध्यान करने की सही […]


क्या कोई ऐसा गुरु है जो जीते जी परमात्मा के दर्शन करा सके ?

भारतीय दर्शन के इतिहास में ऐसे गुरु दो ही हुए हैं जिनके अंदर सामर्थ था अपने सामर्थ शिष्य को ब्रह्म के दर्शन कराने का | पहले ऋषि Yajnavalkya जिन्होंने सबसे बड़े उपनिषद बृहदारण्यक की रचना की | उनके दो शिष्य हुए | राजा जनक (सीता के पिता) और उनकी दूसरी पत्नी Maitreyi. दोनों शिष्यों ने ऋषि Yajnavalkya के सानिध्य में […]


ध्यान की परम सीमा तक जाने के लिए गुरु कितने जरूरी हैं – अगर गुरू नहीं मिल पा रहे तो क्या करे ?

अध्यात्म के क्षेत्र में गुरु की कोई आवश्यकता नहीं | भगवद गीता में कृष्ण कितना स्पष्ट बताते हैं कि गुरु किया तो आध्यात्मिक उन्नति वहीं रुक जाएगी | क्यों ? गुरु बनाने के बाद हमारा ध्यान गुरु की बातों पर होगा न कि खुद के आध्यात्मिक सफर पर | आखिरकार गुरु तत्वदर्शी होना चाहिए अन्यथा क्या पढ़ाएगा ?   किस […]


संसार में सच्चा ओर पूर्ण गुरु कौन है ?

अध्यात्म के क्षेत्र में सच्चा और पूर्ण गुरु सिर्फ और सिर्फ वह हो सकता है जिसने ब्रह्म को देखा हो, जाना हो और तत्वज्ञानी बन गया हो | रामकृष्ण परमहंस और महर्षि रमण दोनों पूर्ण गुरु थे | रामकृष्ण परमहंस १८८६ में और महर्षि रमण १९५० में अपना शरीर त्याग चुके हैं | आज के समय में सबसे अच्छा साधन […]


भगवान या भक्त के बीच गुरु को रखना चाहिए या डायरेक्ट भगवान की शरण में जाना चाहिए?

अगर हम आध्यात्मिक मार्ग पकड़ कर आत्मज्ञान पाना चाहते हैं या ब्रह्म का साक्षात्कार करना चाहते हैं तो गुरु के कोई मायने नहीं | अध्यात्म में ध्यान करने के लिए हमें स्वयं ही चिंतन में उतरना होगा | ऐसे में गुरु क्या करेगा ?   ध्यान में हमें अपने अंदर समाहित प्रश्नों के उत्तर ढूंढने हैं | अगर हम अटक […]


क्या गुरु बिना हम अपने पूर्ण जीवन की प्राप्ति कर सकते है ?

आत्मज्ञान प्राप्त करने और ब्रह्म के साक्षात्कार के बाद मैं 100% conviction के साथ कह सकता हूं, जिसने गुरु बना लिया उसे पूरी जिंदगी अध्यात्म में धक्कों के अलावा और कुछ नहीं मिलेगा | क्यों ? जब भी हमारे अंदर कोई प्रश्न आएगा तो खुद उसकी जड़ तक पहुंचने की जगह हम सोचेंगे कल तो गुरुदेव के पास जा रहा […]


शिष्य के गुरू से आगे निकल जाने पर गुरू को कैसा महसूस होता है ?

सच्चा आध्यात्मिक गुरु एक विवेकानंद को पनपते देख कितना खुश होता होगा | जब रामकृष्ण परमहंस के पास स्वामी विवेकानंद गए और कहा, क्या आप मुझे भगवान का दर्शन करा सकते हैं तो रामकृष्ण परमहंस ने उनके कंधे पर अपनी लात रख दी | फिर क्या था, स्वामी विवेकानंद तो गहन आनंद में डूब गए और कहने पर भी अपने […]


अध्यात्मिक और धार्मिक गुरु की पहचान कैसे करे ?

आध्यात्मिक गुरु (एक ऐसा तत्वज्ञानी जो 84 लाखवी योनि में स्थापित हो) तो मिलेगा नहीं | महावीर बुद्ध चले गए, आदि शंकराचार्य, रामकृष्ण परमहंस और महर्षि रमण भी physically available नहीं | लेकिन सब के कहे वचन तो शास्त्रों, पुस्तकों में उपलब्ध हैं | सत्य के मार्ग पर चलकर कोई भी साधक इतने विशाल शास्त्र भंडार से तत्व के मोती […]


बिना गुरु के कमियां कैसे पता चले ?

हमारे दोष, हमारे क्लेश, हमारी इच्छाएं, हम जीवन के पड़ाव में कहां स्थित हैं – हमसे बेहतर और कौन जान सकता है ? मां सबसे नजदीक होती है – काफी बातें भांप लेती है लेकिन सम्पूर्ण वह भी नहीं | जिन क्लेशों को जड़ से खत्म करने के लिए एक आध्यात्मिक साधक अपने अंदर ध्यान के सफर में उतरता है […]


सच्चा गुरु कौन होता है और कैसे प्राप्त करे ?

जो जीवन में कुछ भी सीख दे, वह सच्चा गुरु है | हमारे इंग्लिश मीडियम स्कूल में हिंदी के नए अध्यापक आए, सिर्फ 6 महीने रहे लेकिन उन से नाता 50 साल बाद भी वैसा ही है, आदर और प्रेम का | सातवीं कक्षा में कुछ ऐसा हुआ, उनकी बताई बातों का मुझ पर बहुत गहरा असर पड़ा और मेरे […]


भारत में आध्यात्मिक गुरु कहाँ मिल सकते हैं ?

भारत में क्या पूरे विश्व में एक भी आध्यात्मिक गुरु नहीं मिलेगा जो आपको अध्यात्म में guide कर सके | क्यों ? महावीर कहते थे पहले तत्वज्ञान हासिल करो, फिर प्रवचन देना | आज तो सभी ज्ञान बांट रहे हैं बिना खुद महर्षि रमण या रामकृष्ण परमहंस के level पर पहुंचे | अगर हम आत्मज्ञान पाने के लिए बेहद serious […]


शास्त्रों को गुरु या तत्व को जानने वाले से ही पढ़ना चाहिए क्या ?

क्या आप समझते हैं ऐसा करना practically संभव है ? आज के समय में अच्छा ज्ञानी पुरुष/ तत्वज्ञानी मिल जाएगा ? अगर मिल भी गया तो 800 करोड़ लोगों में एक – आपको कितना समय दे पाएगा ?   अगर हमें भारतीय दर्शन शास्त्रों का अध्ययन करना है तो इसमें गुरु की कोई आवश्यकता नहीं और तत्ववेत्ता मिलेगा नहीं | […]


गुरु की आवश्यकता क्यों होती है जबकि समस्त ज्ञान किताबों में मौजूद है ?

जब मैं छोटा था तो धार्मिक / आध्यात्मिक कहानियों में बेहद दिलचस्पी थी | उस समय अध्यात्म का मतलब न मालूम था न ही ये शब्द सुना था | हां, धार्मिक होना अच्छी बात है यह सुन रखा था | तो जो भी बुजुर्ग (बुजुर्ग मैं उसको मानता था जो उम्र में बड़ा हो और ज्ञानवान हो) कहानियां सुनाने में […]


गुरु होना जरूरी है या नहीं बिना गुरु दान पुण्य कर सकते हैं ?

जीवन में जिस किसी से भी थोड़ा बहुत सीखने को मिले तो उस पल में वो हमारा गुरु है | लेकिन अध्यात्म की राह में permanent गुरु उसे ही बनाना चाहिए जो तत्वज्ञानी हो | धरती पर आखिरी तत्वज्ञानी थे महर्षि रमण जो 1950 में शरीर त्याग गए | अध्यात्म में जिसने गुरु बना लिया वह permanent फेल है – […]


क्या आध्यात्मिक गुरु संस्कार की कमी को दूर कर सकते हैं ?

संस्कार शब्द समाज की देन नहीं है – यह प्रथा गुरुकुल की देन है | जब बालक गुरुकुल में भर्ती हो गया तो वह गुरुकुल के संरक्षण में बड़ा होता है | वह 10~12 वर्षों के लिए गुरुकुल से बंध जाता है | अब बाहर उचित प्रशिक्षण के बाद ही निकलेगा – विभिन्न कलाओं में पारंगत | गुरुकुल में रहकर […]