क्या गुरु बिना हम अपने पूर्ण जीवन की प्राप्ति कर सकते है ?


आत्मज्ञान प्राप्त करने और ब्रह्म के साक्षात्कार के बाद मैं 100% conviction के साथ कह सकता हूं, जिसने गुरु बना लिया उसे पूरी जिंदगी अध्यात्म में धक्कों के अलावा और कुछ नहीं मिलेगा | क्यों ? जब भी हमारे अंदर कोई प्रश्न आएगा तो खुद उसकी जड़ तक पहुंचने की जगह हम सोचेंगे कल तो गुरुदेव के पास जा रहा हूं, उन्हीं से उत्तर पूंछ लूंगा | अध्यात्म में बात उत्तर की नहीं, प्रश्न को जड़ से खत्म करने की है |

 

अध्यात्म/ ध्यान का रास्ता चिंतन का है | कोई गुरु भला हमारे स्वयं के चिंतन में क्या मदद करेगा ? चिंतन के माध्यम से अपने अंदर उमड़ते प्रश्नों को जड़ से खत्म करना हमारा उद्देश्य है | सो हमें कभी भी permanent Guru नहीं बनाना चाहिए |

 

सच्चा आध्यात्मिक साधक सत्य के मार्ग पर चलते हुए एक दिन जान जाएगा अपने हृदय में स्थित अपनी आत्मा/सारथी/कृष्ण को | जिस दिन हमने हृदय से आती आवाज़ को सुनना शुरू कर दिया, पूरा भगवद गीता ज्ञान स्वतः ही हमें प्राप्त हो जाएगा | कोशिश तो करें | मुझे 5 वर्ष की आयु से हृदय से साफ आवाज़ आती थी | शुरू में डर लगा कौन बोल रहा है लेकिन जब इस आवाज़ ने हमेशा सही रास्ता दिखाया तो आंख मूंद कर उसके पीछे हो लिया |

 

Listen to Inner Voice coming from within our Heart | हृदय से आती आवाज को सुनना सीखें | Vijay Kumar

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