चिंतन


व्यक्तिगत विकास की खोज में आत्म-चिंतन क्या भूमिका निभाता है ?

आत्मचिंतन जिसे महर्षि रमण ने self enquiry का नाम दिया है बेहद ही कारगर और अचूक साधन है इसी जन्म में प्रभु तक पहुंचने का | व्यक्तिगत विकास की पराकाष्ठा क्या है – कि हम स्वाध्याय के रास्ते कर्मो की निर्जरा करते हुए ब्रह्म का साक्षात्कार करने में सफल हो जाएं | ध्यान रहे – कर्मो की निर्जरा करने के […]


आध्यात्मिक यात्रा में चिंतन का कोई अंत है या नहीं या समर्पण ही हर यात्रा का अंत है ?

आध्यात्मिक सफर में चिंतन क्यों किया जाता है ? ध्यान में चिंतन के माध्यम से हम self enquiry भी करते है (जैसे महर्षि रमण कहते हैं) और अपने अंदर आते हजारों प्रश्नों के उत्तर ढूंढ़ते हैं जिससे वे प्रश्न जड़ से समूल नष्ट हो जाएं | शनै शनै जब कर्मों की निर्जरा होने लगती है और प्रश्न कम होने शुरू […]