जिस इंसान ने जीवन में एक लक्ष्य निर्धारित कर लिया और तन्मयता से उसके पीछे जाता है वह जीवन जीता है | जिसका जीवन में कोई goal ही नहीं, वह तो बस time pass कर रहा है | बहुत कम लोग हैं जो जीवन में लक्ष्य बनाते हैं (शायद ५% भी नहीं) | अगर हम जीवन में लक्ष्य नहीं बनाएंगे तो अपनी सारी शक्तियों को केन्द्रित किसके पीछे करेंगे ?
मैंने अपना आध्यात्मिक जीवन ६ १/२ वर्ष की आयु में शुरू किया | तभी जीवन का लक्ष्य भी बना लिया ब्रह्म के पीछे जाना है | अपनी सारी ब्रह्मचर्य शक्ति कुण्डलिनी जागरण की ओर केन्द्रित कर दी | नतीजा ! ३१ वर्ष पश्चात ३७ वर्ष की आयु में ब्रह्म का साक्षात्कार हो गया | जीवन के आखिरी चरण में पहुंच गया – ८४ लाखवी योनि |
पशु पक्षियों के जीवन का लक्ष्य नहीं होता लेकिन मनुष्य ?
What is the main Purpose of Life? मानव जीवन का मकसद | Vijay Kumar Atma Jnani