नियति


हमारी तकदीर पहले लिखी जा चुकी है या हम तकदीर खुद लिखते हैं ?

इंसान का जीवन क्रम एक accountant द्वारा लिखे बहिखाते की तरह चलता है | अगर आज का closing balance Rs. 981/= तो अगले दिन का opening balance भी Rs. 981/= ही रहेगा | इसमें ब्रह्म (business में लालाजी) भी दखलंदाजी नहीं करते या कर सकते | इसी प्रकार मानव जीवन में पिछले जन्म का closing balance तय करता है हम […]


आपकी सोच और विचारधारा आपकी नियति निर्धारित करती है ?

किसी भी कार्य की जड़ में सोच होती है – पहले हम सोचते हैं फिर उस सोच को क्रियान्वित करते हैं | अब तक हमने पिछले जन्मों में जो सोचा और क्रियान्वित किया उसी कर्मफल के आधार पर वर्तमान जीवन मिला | तो आज के जीवन के लिए कौन जिम्मेदार हुआ – हमारी पिछले जन्मों से चली आ रही सोच […]