यह बात अब science ने confirm कर दी है कि वर्तमान ब्रह्माण्ड तीव्र गति से फैल रहा है (बड़ा होता जा रहा है) | और यह फैलाव जिस दिन रुक गया – यानी जिस दिन system की गुरुत्वाकर्षण शक्ति ब्रह्माण्ड की फैलावट की शक्ति से ज्यादा हो गई – पूरा ब्रह्माण्ड सिमटना शुरू हो जाएगा | यह इतनी तीव्र गति से होगा कि किसी को सोचने समझने का मौका ही नही मिलेगा |
यह समय होगा प्रलय का ! प्रलय यानि वर्तमान ब्रह्माण्ड का time पूरा हो गया | ब्रह्माण्ड के सिमटने में अभी बहुत समय है – लगभग 500 करोड़ साल से ज्यादा की अवधि | जबकि किसी भी आत्मा को पहली योनि से आखिरी योनि (84 लाखवी योनि) में पहुंचने के लिए लगभग 1 करोड़ वर्षों की अवधि ही चाहिए | प्रलय के समय हर आत्मा स्वतः ही मोक्ष प्राप्त कर लेती है |
मनुष्य जाति को कभी भी प्रलय की चिंता नहीं सतानी चाहिए – हम अपनी मैं को साधने में अक्षम नजर आते हैं और बात/ चिंता प्रलय की करते हैं | मेरे email box में इस चिंता को लेकर काफी email पूरी दुनिया से आयी हुई हैं | मनुष्य को सिर्फ और सिर्फ आध्यात्मिक सफर पर जाने की चिंता करनी चाहिए क्योंकि साथ इस जीवन का कर्मफल ही जायेगा|
हर मनुष्य को शीघ्रातिशीघ्र स्वामी विवेकानंद बनने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि मनुष्य जीवन का यही सच है और तत्व भी | हमेशा ध्यान रहे – एक ही जीवन है | जो करना है पाना है सब इसी जीवन में | अगला जीवन तो हमारी आत्मा का होगा – हमारा नहीं | तो हम प्रलय या ब्रह्माण्ड खत्म होने की बात करें क्यों ? वैसे भी जब अध्यात्म में उतरेंगे प्रलय की कहानी खुद समझ आएगी |
What is a Pralaya in Hinduism? हिन्दू धर्म में प्रलय क्या होती है | Vijay Kumar Atma Jnani