प्रारब्ध कर्म


मेहनत तो सभी करते हैं पर सभी सफल क्यों नहीं होते ?

हमारी सोच सकारात्मक है, मेहनत करने से हम पीछे हटते नहीं (हम किसी से कम नहीं) फिर भी असफलता ही हाथ लगती है – कारण मूलतः एक ही है – पिछले जन्मों का एकत्रित नेगेटिव प्रारब्ध कर्मफल |   मान लीजिए हम karmic index के क्रमांक 12 पर स्थित हैं | इस जन्म में हमने बहुत मेहनत कर karmic scale […]


हिन्दू कहते हैं प्रारब्ध की वजह से दुःख भोगने पड़ते हैं – क्या प्रारब्ध काटने की शक्ति किसी के पास नहीं ?

प्रारब्ध कर्म कर्मों का वह हिस्सा है जो अभी फलित होना बाकी हैं | जब बच्चा पैदा होता है तो ज्यादातर संचित कर्म फलित हो जाते हैं और बच्चे को उसी अनुसार जन्म मिलता है कुम्हार के घर में या राजा के इत्यादि | प्रारब्ध ब्रह्म द्वारा रोका हुआ वो कर्मफल हैं जो कभी भी फलित हो सकता है, इस […]


शरीर में आत्मा निवास करती है फिर प्रारब्ध कैसे प्रभावित करता है ?

आत्मा चेतन तत्व है | जैसा कर्म शरीर (मनुष्य) ने किया वैसा कर्मफल उत्पन्न हुआ | जो कर्मफल उत्पन्न हुआ उसमें से ज्यादातर तुरंत नए कर्मों को उत्पन्न करने की ओर प्रेषित हो जाता है और कुछ अंश प्रारब्ध बन जाता है जो कभी भविष्य में फलित होगा |   आत्मा का कर्म करने या न करने में कोई दखल […]


कुछ इंसान सब कुछ करने के बाद भी असफल क्यों रहते हैं ?

इस जन्म में आपने जो परिश्रम किया और उसका जो कर्मफल उत्पन्न हुआ – उसके निमित्त जो आपको मिलना था वो मिला लेकिन झोले में दुख ही हाथ आया | ऐसा क्यों ?   आपने जो कर्म किया मान लीजिए उसका कर्मफल जो आपको मिलना है वह karmic index अनुसार +2 है | लेकिन उसी समय आपका प्रारब्ध संचित कर्मफल […]