आज विद्यालयों में ब्रह्मचर्य शिक्षा की जरूरत क्यों है ?


ब्रह्मचर्य का ज्ञान विद्यालयों में निष्पादित नहीं किया जा सकता | यह तो एक गहन विषय है जिसकी जानकारी सिर्फ और सिर्फ गुरुकुलों में दी जा सकती है | आजकल चल रहे गुरुकुल नहीं – आने वाले समय के गुरुकुल जो 200 साल पुरानी परंपरा पर आधारित होंगे | ब्रह्मचर्य की विद्या कोई किताबी ज्ञान नहीं – यह तो हमेशा अंदर से जड़ पकड़ती है |

 

महर्षि विश्वामित्र ब्रह्मचर्य की तपस्या पूरी नहीं कर पाए, आचार्य रजनीश तो एक कदम आगे बढ़ गए और संभोग से समाधि नामक पुस्तक दुनिया के सामने रख दी | यह उनकी उस समय की मानसिक विकृति दर्शाती है | भला अध्यात्म के रास्ते पर चलने वाले साधक को संभोग से क्या लेना देना | यह आचार्य रजनीश का पूर्णतया गलत दर्शन था जिसमें वो फेल हो गए |

 

ब्रह्मचर्य सिर्फ physical ही नहीं बल्कि मुख्यत मानसिक तौर पर practice किया जाता है | सही practice इंसान को पहले स्वामी विवेकानंद और फिर महर्षि रमण के level पर ले जा सकती है |

 

What is the concept of Brahmacharya? ब्रह्मचर्य क्या है | Vijay Kumar Atma Jnani

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