ब्रह्म


कलयुग में भगवान को प्राप्त करने का सरलतम – श्रेष्ठतम मार्ग क्या है ?

कलियुग में भगवान को पाने का shortcut – बस इसी बात की कमी रह गई थी | भगवान अदृश्य है तो चलों भगवान को भी cheat कर लेते हैं ! कैसे ?   मन्नत 51/= की मांगी थी लेकिन चढ़ावा चढ़ाया 5/= का | कोई देख नहीं रहा तो हुंडी में डालने की बजाय पैसे उठा लिए | मंदिर इसलिए […]


भगवद गीता में बताया कि अविनाशी उसको जान जिसको मारने में कोई सक्षम नहीं – वह अविनाशी भगवान कौन हैं ?

श्रीमद्भगवद्गीता व उपनिषद् इस बात को बार बार प्रतिपादित करते हैं कि ब्रह्म ही वह अविनाशी सनातन पुरुष है जिसने सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की रचना की | यह अविनाशी पुरुष और कोई नहीं बल्कि ब्रह्माण्ड में व्याप्त सभी आत्माओं का समूह ही तो है | जब ब्रह्माण्ड की सभी आत्माएं मोक्ष की स्थिति के बाद शुद्ध रूप में आ जाती हैं […]


कैसे प्रमाणित हो कि परमात्मा सर्वत्र है ?

परमात्मा कौन हैं ये आध्यात्मिक दृष्टि से देखें | ब्रह्माण्ड में व्याप्त सभी आत्माएं प्रलय के बाद जब अपने शुद्ध रूप में आ जाती हैं तो अस्थ अंगुष्ठ का आकार लेती हैं – सरल शब्दों में कहें तो पूरा ब्रह्माण्ड सिमट कर आधे अंगूठे के आकार में आ जाता है | क्या है यह आधे अंगूठे का सच ?   […]


क्या माता और पिता से ज्यादा प्यार और दुलार ईश्वर से मिल सकता है ?

प्यार और दुलार भौतिक क्रियाएं हैं – जो सिर्फ माता पिता ही दे सकते हैं | अगर हम सकारात्मक विचार से ओतप्रोत होकर प्रभु से कुछ मांगते हैं तो वह भी कभी कभी हमारी झोली में आ गिरता है | जब भी हम भगवान का नाम लेते हैं तो एक बात का ध्यान रखें – ब्रह्म उसी को देते हैं […]


परमात्मा को पाना इतना कठिन क्यों है – परमात्मा का ध्यान कैसे करें ?

स्वयं को पाने के लिए खुद ब्रह्म ने 84 लाख योनियों का सफर निश्चित किया है तो परमात्मा जल्दी कैसे मिलेंगे ? ब्रह्म द्वारा सुनियोजित क्रम के अनुसार हर 100 ~ 150 वर्षों में 800 करोड़ लोगों में एक या 2 इंसानों को ब्रह्म साक्षात्कार का मौका मिलता है | पिछले 150 वर्षों में पहले रामकृष्ण परमहंस (1886) और फिर […]


परम तत्व क्या है ?

तत्वज्ञानी उसे कहते हैं जो आध्यात्मिक सफर के अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुका है जैसे महर्षि रमण, रामकृष्ण परमहंस व आदि शंकराचार्य इत्यादि | जिसने तत्व को जान लिया, जिसने जीवन के सत्य को पहचान लिया कि वह एक शरीर नहीं बल्कि एक अविनाशी आत्मा है – वह तत्वज्ञानी आखिरकार उस परम तत्व को जान भी लेता है और उसका […]


ब्रह्म को पूर्ण कहा गया है – क्या मनुष्य पूर्ण नहीं हो सकता ?

पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात्पूर्णमुदच्यते। पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते |   उपरोक्त श्लोक के अनुसार अगर पूर्ण में से पूर्ण निकाल दें तो भी पूर्ण ही शेष रहता है | यह यथार्थ सिर्फ ब्रह्म पर applicable है अन्य कहीं नहीं | अध्यात्म में सिर्फ और सिर्फ ब्रह्म को पूर्णता की दृष्टि से देखा जाता है | मानव जीवन तो कर्मों से बंधा है […]


ज्ञान गंगा पुस्तक अनुसार ईश्वर पूर्ण परमात्मा कबीर को माना गया हैं – इस पुस्तक की सचाई क्या है ?

ब्रह्म का स्वरूप निराकार निर्गुण है | भगवद गीता में ब्रह्म के यथार्थ स्वरूप को समझाया गया है |   Is God formless in Hinduism? भगवान साकार है या निराकार | Vijay Kumar Atma Jnani


परमात्मा कैसे आकर ज्ञान देते हैं ?

परमात्मा हृदय में स्थित आत्मा के द्वारा हमें समय समय पर सचेत करते रहते हैं | हर आध्यात्मिक साधक हृदय से आती आवाज़ को सत्य के मार्ग पर चलते हुए अच्छी तरह से सुन सकता है |   Listen to Inner Voice coming from within our Heart | हृदय से आती आवाज को सुनना सीखें | Vijay Kumar


भगवान कहाँ रहते हैं धरती या आसमान में ?

जहां जहां आत्माएं मौजूद हैं वहां भगवान मिलेंगे | एक गेहूं का दाना एक आत्मा और पूरी गेहूं की ढेरी परमात्मा | शास्त्र कहते हैं हम एक आत्मा हैं तो हम भगवान से दूर कब हुए | अध्यात्म के रास्ते पर चलकर हम न सिर्फ एक शुद्ध आत्मा हो जाएंगे बल्कि भगवान के साथ आत्मसाक्षात्कार भी हो जाएगा |   […]


प्रथम पूजनीय कौन से भगवान है ?

भगवान पूजा के लिए नहीं प्राप्त करने के लिए बने हैं | भगवान एक ही होते हैं जिन्हें हम अध्यात्म में ब्रह्म पुकारते हैं | अध्यात्म के रास्ते पर चलकर हमें ब्रह्म को प्राप्त करने की कोशिश करनी चाहिए जैसी रामकृष्ण परमहंस ने की थी |   What is the main Purpose of Life? मानव जीवन का मकसद | Vijay […]


भगवान को कौन देख सकता है ?

भगवान (ब्रह्म) को देख तो कोई नहीं सकता लेकिन जिसे आत्मसाक्षात्कार हो गया हो वह हर पल बात कर सकता है |   What comes after Self Realization? आत्मसाक्षात्कार के बाद आत्मा कहां जाती है | Vijay Kumar


आप भगवान पर विश्वास कैसे करते हैं – क्या भगवान का कोई चमत्कार देखा है ?

भगवान ब्रह्म तो एक ही हैं, चाहे परमात्मा, परमेश्वर, ईश्वर, भगवान, इष्ट, नारायण कुछ भी कह लो, मान लो |   भगवान पर विश्वास, नहीं उससे कहीं ज्यादा | जब मैं ५ वर्ष का था एक ऐसी घटना घट गई मेरी भगवान पर आस्था १०० प्रतिशत हो गई | मालूम नहीं भगवान कौन होते हैं, कभी देखा नहीं लेकिन श्रृद्धा […]


ईश्वर एक है या अनेक हैं यह कैसे सिद्ध हो सकता है ?

ईश्वर, भगवान या कहो परमात्मा, ब्रह्म जिसने पूरा ब्रह्माण्ड रचाया, वह है तो एक ही | कैसे ? हम उस अवस्था में चलते हैं जब पुराना ब्रह्माण्ड सिमट रहा है यानि प्रलय हो गई है | तो कुछ ही समय में पूरा ब्रह्माण्ड सिमट कर अस्थ अंगुष्ठ (यानि आधे अंगूठे के आकार में) आ जाता है |   यह आधा […]


हमें एक भगवान को मानना चाहिए या अनेक को ?

भारतीय दर्शन शास्त्रों जैसे वेद, उपनिषद और भगवद गीता के अनुसार ब्रह्मांड की रचना ब्रह्म के द्वारा हुई | जब ब्रह्मांड उत्पन्न होता है तो ब्रह्म के अलावा ब्रह्मांड में और कोई नहीं था | अगर हम पिछले ब्रह्मांड के समय हुई प्रलय की गतिविधि को देखेंगे तो सब समझ आयेगा |   भगवद गीता में भगवान कृष्ण कहते हैं […]


भगवान ने ठोस सबूत क्यों नहीं छोड़ा जो साबित करे कि भगवान वास्तविक है ?

भगवान यानि ब्रह्म को जानने के लिए खुद ब्रह्म ने १ करोड़ वर्ष की अवधि तय की है | तब जाकर एक साधक का ब्रह्म से साक्षात्कार हो पाता है | भारतीय दर्शन शास्त्रों के अनुसार ११ लाख योनियों का आध्यात्मिक सफर चिंतन के माध्यम से ध्यान में उतरकर किया जा सकता है | यह एक लम्बी प्रक्रिया है | […]


क्या ईश्वर सिर्फ दृष्टा है ?

ब्रह्म जिसका आकार सिर्फ अस्थ अंगुष्ठ (आधे अंगूठे) के बराबर है, आप उससे क्या चाहते हैं ? इतना अद्वितीय ब्रह्माण्ड बना दिया, क्या यह काफी नहीं | ब्रह्म ब्रह्माण्ड रचने के बाद धर्म और कर्म के द्वारा ब्रह्माण्ड को चलने के लिए छोड़ देता है |   ब्रह्म का स्वरूप हमेशा से दृष्टा का है, इसी कारण ब्रह्म ने मनुष्यों […]


संसार में ईश्वर है तो दिखाई क्यों नहीं देता – हम उसे महसूस क्यों नहीं कर पाते ?

हमें तो ब्रह्म को पाना है उसमे हमेशा के लिए लीन हो जाना है, तो ब्रह्म को साक्षात देखने या महसूस करने की इच्छा किसलिए ? जब एक बीज से पौधा उगता है तो क्या इस क्रिया में हमें भगवान का अदृश्य हाथ नजर नहीं आता | हमारा हृदय २४*७*३६५ धड़कता रहता है कभी rest नहीं मांगता या लेता, फिर […]


क्या ब्रह्म साकार हो सकता है ?

ब्रह्माण्ड में व्याप्त सभी आत्माएं अपने शुद्ध रूप में अस्थ अंगुष्ठ (आधे अंगूठे) का आकार लेती हैं | इसी आधे अंगूठे के आकार को हम ब्रह्म पुकारते हैं | ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति के समय सभी आत्माएं पूरे फैलते ब्रह्माण्ड में बिखर जाती हैं | ऐसी ही कुछ आत्माओं का गुच्छा सूर्य के गर्भ में स्थित है | धरती पर जितने […]


अपने प्रभु को कैसे प्राप्त करें ?

प्रभु जिन्हें अध्यात्म ब्रह्म (ब्रह्मा नहीं) के नाम से पुकारता है को अगर हम इसी जन्म में पाना चाहते हैं तो हमे सिर्फ और सिर्फ अध्यात्म की राह पकड़नी होगी | ब्रह्म को पा लेना या प्रभु में लीन हो जाना (योग के द्वारा) ही हमारे जीवन का आखिरी और अंतिम उद्देश्य है |   प्रभु को इन संसाधनों से […]


सभी भगवान भारत में ही पैदा हुए – किसी अन्य देश में क्यों नहीं ?

पूरी दुनिया में अगर किसी इंसान को भगवान की खोज करनी है तो उसे भारत आना ही होगा या भारतीय दर्शन शास्त्रों में उलझना होगा | क्योंकि शास्त्रों का मूल संस्कृत में है तो भारत आना ही पड़ेगा | जहां 140 करोड़ भारतीय बसते हों, जिसकी जैसी श्रृद्धा, उतने भगवानों में विश्वास | समय के साथ अनगिनत देवी देवता अस्तित्व […]


ईश्वर का निवास कहाँ नहीं है ?

ईश्वर (ब्रह्म) का वास हर अचेतन वस्तु में नहीं है | धरती पर हर जड़ चीज में ब्रह्म चेतन तत्व नहीं है | पहाड़ में भगवान हैं, नहीं | पत्थर के ढेले में भगवान हैं, नहीं | हां, पहाड़ों पर उगती वनस्पति में भगवान हैं, चेतन तत्व के रूप में | जो इंसान चिंतन में नहीं उतरता, वह सब चीज़ों […]


ईश्वर हमसे कितना दूर है ?

ब्रह्म स्वयं एक अस्थ अंगुष्ठ के आकार का चेतन तत्व है जो सभी आत्माओं के द्वारा पूरे ब्रह्मांड में फैला हुआ है | जहां आत्माएं वहां ईश्वर (ब्रह्म) | धरती पर व्याप्त हर जीव की आत्मा सूर्य के गर्भ में वास करती है | क्योंकि आत्मा का स्वयं का तापमान करोड़ degrees centigrade से ज्यादा होता है वे सूर्य में […]


ईश्वर और इंसान का क्या संबंध है ?

ब्रह्म ने पूरा संसार रचाया | खुद वह दृष्टा की भांति काम करता है तो जरूरत हुई ऐसी दुनियां की जिसमे कर्म के आधार पर काम करने वाले जीव जंतु हों | पूरा संसार स्वयं संचालित – धर्म और कर्म के आधार पर टिका और चलता संसार |   और आत्माओं का 84 लाख योनियों का भ्रमण शुरू हो गया […]


अगर इस दुनिया को भगवान ने बनाया तो भगवान को किसने बनाया ?

भगवान (ब्रह्म) अनादि हैं और रहेंगे चिरकाल तक | कभी न खत्म होने वाला चेतन तत्व हमेशा से हर जीव का मूल भी है | जब प्रलय होती है यानि पिछला ब्रह्माण्ड खत्म होने के कगार पर है तो वह सिमट कर आधे अंगूठे के आकार में आ जाता है |   यह अस्थ अंगुष्ठ के आकार का गुच्छा जिसे […]


पूर्ण परमात्मा कौन है – उसे कैसे प्राप्त किया जा सकता है ?

पूर्ण परमात्मा को परमात्मा भी कह सकते हैं | एक आत्मा और ब्रह्मांड में व्याप्त सारी आत्माओं का गुच्छा परम आत्मा = परमात्मा | ईश्वर इष्ट धातु से जुड़ा है, देने के संबंध में, सो पूर्ण परमात्मा नहीं, न ही परमेश्वर | सनातन पुरुष – यह सही है | जो सनातन है हमेशा से exist करता है, अनादि है | […]


विज्ञान से लगाव ईश्वर से दूर ले जा सकता है क्या ?

जब से हम पैदा होते हैं हम दो जीवन जीते हैं | एक रास्ता हमें स्कूल ले जाता है जहां हमें विद्या दी जाती है | और विज्ञान की शिक्षा विद्या के तहत आती है | जैसे हम बड़ी क्लास में पहुंच जाते हैं हमें विज्ञान (science) की शिक्षा दी जाती है | और जब मंदिर जाते हैं तो मन […]


पूरे ब्रह्मांड के मालिक ईश्वर स्त्री हैं या पुरुष ?

पूरे ब्रह्मांड के रचयिता ब्रह्म एक energy source हैं – ऐसा एनर्जी source जिसकी कल्पना मनुष्य के लिए संभव नहीं | ब्रह्म को सिर्फ दिव्य नेत्रों द्वारा महसूस किया जा सकता है | ब्रह्म से साक्षात्कार के बाद में उनसे हर पल बात कर सकता हूं | है न विचित्र बात !   ब्रह्म को हम सनातन पुरुष भी कहते […]