भगवान तो नहीं, हां – सारी आत्माएं स्वर्ग में रहती हैं | आत्माएं भगवान का ही तो अंश हैं | सूर्य के गर्भ में रहना उनकी मजबूरी है | आत्मा का ताप 1 करोड़ degrees Celsius से ज्यादा होता है | अगर एक आत्मा अपने मूल स्वरूप में चांद जितना नजदीक आ जाए तो सम्पूर्ण धरती को जला कर खाक कर सकती है |
आत्माएं सूर्य पर रहकर remote control से धरती पर स्थित हर जीव को चलाती हैं | ब्रह्म की भांति आत्मा भी दृष्टा की भांति काम करती है | कर्म करने के लिए शरीर धारण करती है | सूर्य के गर्भ में आत्माएं स्थित हैं तभी तो धरती पर हमें ताप मिलता रहता है | सूर्य के गर्भ में आत्माएं न हों तो सूर्य पत्थर का गोला, एक ग्रह जैसा न हो जाए ?
भगवान कहीं भी हों, मनुष्य का कर्तव्य है जल्दी से जल्दी उनमें लीन होना | और यह संभव हो पाता है अध्यात्म के रास्ते पर चलकर |
What is Swarg Narak | स्वर्ग नरक कहां हैं | Vijay Kumar Atma Jnani