सभी भगवान भारत में ही पैदा हुए – किसी अन्य देश में क्यों नहीं ?


पूरी दुनिया में अगर किसी इंसान को भगवान की खोज करनी है तो उसे भारत आना ही होगा या भारतीय दर्शन शास्त्रों में उलझना होगा | क्योंकि शास्त्रों का मूल संस्कृत में है तो भारत आना ही पड़ेगा | जहां 140 करोड़ भारतीय बसते हों, जिसकी जैसी श्रृद्धा, उतने भगवानों में विश्वास | समय के साथ अनगिनत देवी देवता अस्तित्व में आ गए |

 

मानव भगवानों की बात करें जैसे महावीर, बुद्ध, आदि शंकराचार्य, रामकृष्ण परमहंस और महर्षि रमण इत्यादि तो यह बात समझ लेनी चाहिए कि जहां की हवा और पानी तक में शास्त्रों का आविर्भाव हो, उस देश में आत्मज्ञानी नहीं होंगे तो कहां होंगे ?

 

भारतीय इतिहास की उम्र है 10,800 वर्ष और UK की 311 वर्ष और US की 246 वर्ष | हर देश के मूल में भरतवंशी मिलेंगे, इसके बावजूद भारतीय शास्त्रों में निहित ज्ञान दुनियां के विभिन्न क्षेत्रों/मुल्कों में इसलिए नहीं फैल पाया क्योंकि हमारे शास्त्रों का मूल संस्कृत है | Germany जैसे देश में Max Mueller के कारण फिर भी भारतीय शास्त्रों के ऊपर काफी कार्य हुआ, अन्य देशों में नहीं |

 

पूरी दुनियां में जहां संस्कृत के ज्ञाता हैं वहां भारतीय शास्त्रों की पहुंच फिर भी है, अन्यत्र नहीं | संस्कृत का जानकार होना काफी नहीं | भारतीय शास्त्रों में निहित तत्व तक पहुंचने के लिए ध्यान करना होगा चिंतन के माध्यम से | वह तभी संभव होगा जब हम आध्यात्मिक साधकों के साथ सत्संग करेंगे, विचारों का आदान प्रदान होगा | और ज्यादातर समय हम खुद चिंतन में व्यतीत करेंगे | और यह सब सिर्फ और सिर्फ भारत में संभव है, अन्यत्र नहीं |

 

Jesus के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने जो भी ज्ञान अर्जित किया वह 14 ~ 29 वर्ष के दौरान किया जो भारत में Nalanda University जैसे विद्यालयों में बिताए थे | Jesus 14 वर्ष की आयु में एक जहाज में छिप कर भारत ज्ञान अर्जित करने आए थे | Prophet ने जो ज्ञान हांसिल किया वह भारत की Taxila University (जिसके खंडहर आज के Pakistan में हैं) के कारण | उस समय भारतीय साम्राज्य Persia तक फैला हुआ था और Prophet Persia से थे |

 

मैं जैन हूं लेकिन भारतीय दर्शन को मूल क्यों मानता हूं | Vijay Kumar Atma Jnani

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