महर्षि वेदव्यास ने महाभारत महाकाव्य की रचना की, उससे हमें क्या ज्ञात होता है –
१. आध्यात्मिक ज्ञान पुस्तकों की भांति न पढ़ा जा सकता है न ही समझा | इस आध्यात्मिक ज्ञान से परिचय कराने के लिए उन्होंने भगवान कृष्ण का भगवद उवाच लिखा |
२. जब अपने धोखा देने पर उतारू हो जाएं तो उनके विरूद्ध शस्त्र उठा कर धर्म पुनर्स्थापना करनी ही होगी | अपनों में चाहे नाना भीष्म पितामह हों या गुरु द्रोणाचार्य |
गैरों से सभी लड़ लेंगे लेकिन अपनों से लड़ने की क्षमता भगवद गीता में निहित ज्ञान से ही मिलती है | धर्म की रक्षा के लिए हमें अर्जुन बनना ही होगा | अर्जुन बन कर भवसागर कैसे पार करेंगे और मोक्ष द्वार तक कैसे पहुंचेंगे, यह भी गीता ज्ञान में निहित है |
महर्षि वेदव्यास और महाभारत महाकाव्य का आध्यात्मिक सच | Vijay Kumar Atma Jnani