एक मरते हुए आदमी के साथ क्या होता है – क्या उसे यमराज लेने आते हैं ?


क्या आपने कभी बच्चे को रोबोटिक टॉय से खेलते देखा है | जब बच्चा वह टॉय unpack करता है तो वह चालू हालत में नहीं होता | पहले उसमे batteries डाली जाती हैं, फिर रिमोट कंट्रोल से बच्चा उस टॉय को सब जगह घुमाता फिरता है | यह जो remote control है मानव शरीर का, यह सदा आत्मा के हाथ में रहता है |

 

जब बच्चा मां की गर्भ में आ जाता है, आत्मा remote on कर देती है और बच्चे के शरीर में स्थित हृदय चालू हो जाता है | हर जीव जंतु (मनुष्य समेत) के शरीर में जो हृदय होता है वे batteries हैं जो सूर्य के गर्भ में स्थित आत्मा रिमोट कंट्रोल से चलाती है |

 

जब धरती पर किसी भी जीव की मृत्यु होती है, इसका मतलब हुआ कि आत्मा ने रिमोट switch off कर दिया |आत्मा रिमोट switch off तभी करती है जब धरती पर जीव की आयु पूरी हो जाए, पहले नहीं |

 

धरती पर जब मृत्यु होती है तो आत्मा का शरीर से नाता खत्म | भारतीय दर्शन के हिसाब से आत्मा जब शरीर त्याग देती है तो शरीर को जलाने के अलावा कोई चारा नहीं | मरा हुआ शरीर किसी काम का नहीं सो जला दिया जाता है और पंच महाभूतों से बना शरीर उसी में विलीन हो जाता है |

 

आध्यात्मिक दृष्टि से यमराज नामक कोई विभूति पूरे ब्रह्मांड में नहीं होती | खुद ब्रह्म एक चेतन तत्व हैं आम आदमी की समझ से बाहर | अगर ब्रह्म को जानना है तो ज्ञानयोग के रास्ते पर चलकर महर्षि रमण बनना होगा | आध्यात्मिक परिवेश में पूरे ब्रह्मांड में कोई देवी देवता नहीं होते | ना ही ब्रह्मा, विष्णु और शिव | सत्य जानने के लिए समुद्र मंथन की गाथा को समझो |

 

Samudra Manthan ki gatha | समुद्र मंथन की गाथा | Vijay Kumar Atma Jnani

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