हर इंसान एक जीवन के लिए आता है और मृत्यु के बाद हमेशा के लिए गायब | कौन बच्चा, किसका बच्चा, जो रिश्ता था वह तभी तक था जब तक शरीर है | शरीर छूटा, रिश्ता खत्म | आत्मा को मनुष्य के रोने धोने से क्या लेना – आत्मा एक दिव्य शक्ति है जिसका खुद का ताप 1 करोड़ degrees Celsius से ज्यादा होता है और सूर्य के गर्भ में रहती है |
जिस छोटे बच्चे का अभिभावक मरा वह निमित्त था, उसमे आश्चर्य कैसा | उसे अपने अभिभावक का उतना ही साथ लिखा था | कर्म theory ब्रह्माण्ड की वह theory है जिस पर ब्रह्माण्ड टिका है – पल पल का हिसाब उसमें record हो जाता है | जैसा करेंगे – वैसा भरेंगे | हमें किस का कितना साथ मिलेगा – सब पहले से निमित्त है |
यह भी संभव है कि जिस छोटे बच्चे को बीच में छोड़ अभिभावक मरा, वहीं अभिभावक की आत्मा भविष्य में एक नया शरीर ले उस छोटे बालक का बेटा, या पोती बनकर | कुछ भी संभव है – सब मुनहसर है मृत्यु के समय के karmic balance पर |
दुनिया में आत्मा की शांति नामक कोई चीज होती नहीं – सब किवदंतियां हैं कुछ छिपे अंदर के रहस्य बताने के लिए | मृत्यु के बाद अगर तुरंत matching parents धरती पर उपलब्ध नहीं तो आत्मा स्वर्ग या नरक में वास करती है – उस समय तक, जब तक धरती पर मैचिंग पैरेंट्स उपलब्ध नहीं हो जाते | इससे ज्यादा स्वर्ग या नरक का कोई महत्व नहीं | दोनों स्वर्ग और नर्क सूर्य में स्थित हैं |
Why does Premature Death occur? अकाल मृत्यु क्यों होती है? Vijay Kumar Atma Jnani