मृत्यु के बाद आत्मा किसी दूसरी मृत आत्मा से बात कर सकती है क्या ?


भारतीय शास्त्रानुसार एक आत्मा का मरने से पहले या बाद में किसी दूसरी आत्मा के साथ किसी भी तरह का contact वर्जित है | आत्मा ब्रह्म का ही एक छोटा स्वरूप है | एक गेहूं का दाना एक आत्मा और पूरे ब्रह्माण्ड में जितना भी गेहूं है, उसकी ढेरी परमात्मा |

 

जैसे परमात्मा हमेशा दृष्टा की भांति काम करता है वैसे आत्मा भी | आत्मा जब शरीर धारण कर लेती है तब भी और जब स्वर्ग या नरक में सीतनिद्रा (hibernation) की स्थिति में होती है तब भी, दूसरी आत्मा से संबंध स्थापित नहीं कर सकती है | सोचिए अगर आत्माएं आपस में बात कर सकती तो उन्हें मनुष्य शरीर धारण करने की आवश्यकता ही नहीं होती ?

 

आत्मा का खुद का temperature (ताप) 1 करोड़ degrees Celsius से ज्यादा होता है और वह एक अत्यंत ज्वलनशील चेतन तत्व है, मनुष्य की भांति नहीं | तो यह उम्मीद करना की 1 करोड़ degrees ताप में exist करती आत्मा बातें करेगी तो यह नितांत अज्ञान होगा | सूर्य के गर्भ में जो ताप है वह सिर्फ और सिर्फ आत्माओं के कारण है |

 

आत्मा हृदय में वास नहीं करती | हृदय के through operate करती है | सूर्य के गर्भ में स्थित होकर आत्मा वहीं से remote control द्वारा हमारे हृदय को संचालित करती है | जब मां के गर्भ में बच्चा आ जाता है तो उचित समय पर remote control द्वारा स्विच ON कर देती है और जब मृत्यु का समय हो जाए तो स्विच OFF |

 

सत्य का मार्ग पकड़ जब हम हृदय से आती आत्मा की आवाज़ सुनते हैं तो वह आवाज़ आती तो सूर्य के गर्भ से है, हमें प्रतीत होता है हृदय से आ रही है | जब All India Radio station, New Delhi से लता मंगेशकर का गाना प्रसारित होता है तो हम उस गाने को सुनते अपने मोबाइल के द्वारा ही हैं | लता मंगेशकर मोबाइल में थोड़े ही बैठी हैं | तो सारी आत्माएं सूर्य के गर्भ से ऑपरेट करती हैं |

 

मनुष्य ज्यादा से ज्यादा क्या कर सकता है – प्रार्थना | अगर हम किसी भी आत्मा के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं तो वह उस तक पहुंचती जरूर है | लेकिन आत्मा अगर शरीर की मृत्यु के बाद दूसरा शरीर धारण कर चुकी है तो आपका उस आत्मा के प्रति किया कोई भी कार्य तुरंत फलित नहीं होगा | इसीलिए कृष्ण भगवद गीता में कहते हैं जो हो रहा है वह भी अच्छे के लिए हो रहा है और आगे भी जो होगा वो भी अच्छा ही होगा अगर हम हर समय पुण्यकर्मों में व्यस्त रहें |

 

Listen to Inner Voice coming from within our Heart | हृदय से आती आवाज को सुनना सीखें | Vijay Kumar

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