वर्तमान कलियुग में मोक्ष प्राप्ति के लिए हमें मूलतः दो कार्य करने होंगे –
१. १२ वर्ष की अखंड ब्रह्मचर्य की तपस्या जो कठिन तो है असंभव नहीं
२. १२ वर्ष का अखंड ध्यान चिंतन के माध्यम से – इसमें हमें अपने अंदर उमड़ते हजारों प्रश्नों के उत्तर ढूंढ उन्हें जड़ से खत्म करना होगा | एक स्थिति ऐसी आएगी जब न तो एक प्रश्न अंदर आएगा न एक बाहर जाएगा और शून्य की स्थिति आ जाएगी | हम तुरंत निर्विकल्प समाधि में स्थापित हो जाएंगे और finally कैवल्य ज्ञान की स्थिति में पहुंच जाएंगे |
जब यह निर्विकल्प समाधि में स्थित तत्वज्ञानी अपना शरीर त्याग जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्त होगा तो मोक्ष प्राप्त हो जाएगा | मोक्ष यानि हम शुद्ध आत्मा बन अपने वास्तविक स्वरूप में वापस आ गए |
What is Moksha in simple terms? मोक्ष क्या है? Vijay Kumar Atma Jnani