जीवन मृत्यु का क्रम तो अबाध रूप से चलता रहता है | आत्मा ने एक शरीर धारण किया, मृत्यु हुई – आत्मा ने नया शरीर धारण कर लिया | आध्यात्मिक साधक इस बात को भलीभांति समझता है लेकिन अज्ञानी धार्मिक प्रवत्ति के लोग न जाने क्या क्या आस लगाए रहते हैं ?
धार्मिक रीतिरिवाजों में फंसे लोग अक्सर सोचते हैं – मृत्यु से पहले अगर गंगाजल से नहा लिए तो मोक्ष मिल जायेगा | मृत्यु के समय अगर पूरा परिवार साथ है तो यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि मोक्ष अवश्य मिलेगा | काशी में अगर प्राण छूटेंगे तो मोक्ष ही होगा | धार्मिक प्रवत्ति के यह लोग सत्य से हमेशा दूर रहते हैं |
आध्यात्मिक साधक को कभी भी धार्मिक कर्मकांडो में फंसे लोगों से बहस नहीं करनी चाहिए – कुछ मिलेगा नहीं | मेरे वीडियो इतनी सरल भाषा में और स्पष्ट होते हैं कि 6 वर्ष का बालक भी सार समझ ले लेकिन क्या धार्मिक लोग उन्हें समझने की क्षमता रखते हैं या समझना चाहते हैं ?
What is Moksha in simple terms? मोक्ष क्या है? Vijay Kumar Atma Jnani