अध्यात्म की राह पर नारियों के लिए सबसे बड़ा रोड़ा है मोह | कुछ भी कर लो मोह नहीं छूटेगा | भगवान ने नारियों में मोह इसलिए कूट कूट कर भरा है कि वे घरबार ठीक से संभाल सकें | अगर सड़क पर किसी छोटे बच्चे को रोते देख लें तो ज्यादातर नारियां एक बार जाकर पूछेंगी जरूर – बेटा क्या हुआ | कभी किसी पुरुष को ऐसा करते देखा है ? बुजुर्गों की बात छोड़ दीजिए |
मोक्ष पाने की राह में मोह कितना बड़ा रोड़ा है वह इस बात से साबित हो जाता है – भारतीय इतिहास के 10,800 वर्षों में सिर्फ 2 नारियों को मोक्ष पाने का सम्मान मिला – संत गार्गी और Maitreyi (महर्षि याज्ञवल्क्य की दूसरी पत्नी) |
नारियों के लिए अध्यात्म की राह पर चलना और मोक्ष पाना मुश्किल तो है, असंभव नहीं | कोशिश करके देख लें, कहीं आप तीसरी न हो जाएं | मज़ाक की बात नहीं – हर सच्चे साधक के लिए 24*7*365 available हूं, आपके गूढ़ प्रश्नों के समाधान के लिए |
What is Moha | मोह क्या है | Vijay Kumar Atma Jnani