निरामय जीवन का सबसे बड़ा सूत्र है अपने को हर समय positivity में व्याप्त रखना | प्रभु ने मनुष्य शरीर की संरचना इस तरह की है कि यह self healing है | अगर हम हर समय पॉजिटिव विचारों का आह्वान (invoke) करते हैं तो हमारे शरीर की immunity बढ़ती चली जाएगी | अध्यात्म के रास्ते पर चलते हुए बुखार तो दूर, जुखाम भी 22 वर्ष तक छू न पाया | एक दिन मां से कहा, मुझे कोई problem तो नहीं, मैं अब बीमार ही नहीं पड़ता |
अगर फिर भी अस्वस्थ हो जाते हैं, तो natural health care, जिसे आयुर्वेद कहते हैं अपनाना चाहिए | प्राकृतिक जड़ी बूटियों में इंसान को स्वस्थ रखने की तमाम चीजें मौजूद हैं और कोई side effects नहीं | Side effects न होना आयुर्वेद की सबसे बड़ी ताकत है | वह तो ब्रिटिश Macauley ने गुरुकुल system नेस्तनाबूद कर दिया अन्यथा भारत में आज सिर्फ और सिर्फ आयुर्वेदिक उपचार ही होता | खैर कोई बात नहीं | 2032 के बाद भारतवर्ष में सिर्फ गुरुकुल और आयुर्वेद होगा, अन्य कुछ भी नहीं |
अभी समस्या यह है कि अच्छे प्रतिष्ठित वेदाचार्य उपलब्ध नहीं | समय के चलते वह भी स्वतः ही उजागर हो जाएंगे | जिस भारत भूमि को direct ब्रह्म का संरक्षण प्राप्त हो तो चिंता काहे की ?
2024 से 2032 तक का समय आध्यात्मिक दृष्टिकोण से | Vijay Kumar Atma Jnani