जैन शास्त्रों के आगम शास्त्र षट्खण्डागम हैं जो ६ खंडों में हैं | समयसार भी एक मूल ग्रन्थ माना जाता है | यहां पर मेरा यह कहना है सभी शास्त्रों का मूल तो भगवद गीता में छिपा ज्ञान है |
मैं जैन हूं लेकिन भारतीय दर्शन को मूल क्यों मानता हूं | Vijay Kumar Atma Jnani