अध्यात्म के रास्ते पर मनु ने ४ वर्णाश्रम की व्यवस्था बनाई है और आम साधक इसी भ्रम में रहता भी है कि ५० के पार वानप्रस्थ आश्रम शुरू हो जाता है और ७५ के बाद संन्यास | जब तक इंसान ७५ की देहलीज पर पहुंचता है, काम करते करते इतना थक चुका होता है कि अध्यात्म में जाने की इच्छाशक्ति ही नहीं रहती | ऊपर से पोते पोतियों, धेवते धेवतियों का लाड़ |
जो वर्ण व्यवस्था मनु ने बनाई उसमें कोई गलती नहीं, बस हमारी समझ की कमी है | मनु ने यह दर्शाना चाहा कि अगर हम धर्म/अध्यात्म में समय समय पर नहीं उलझ सकते तो ५० और फिर ७५ के बाद तो सिर्फ और सिर्फ इसी में संलग्न होना है | क्या हमारी समझ इतनी कच्ची है कि आध्यात्मिक सफर हम ५०/७५ तक टालते रहें |
क्या महावीर, बुद्ध, आदि शंकराचार्य, रामकृष्ण परमहंस और महर्षि रमण आखिरी समय का इंतजार करते रहे | सभी ने अपना आखिरी सफर बचपन में ही शुरू कर दिया था | इन सभी समझदार साधकों को यह ज्ञात था जीवन सिर्फ एक है | अभी शुरू नहीं किया तो कभी नहीं |
मैंने अपनी प्रभु से मिलने की खोज ५ वर्ष की आयु में ही शुरू कर दी थी | बहुत सोचने पर यह बात समझ आ गई, जितना जल्दी शुरू करूंगा उतना अच्छा रहेगा | IIT से पढ़ाई पूरी की, शादी हुई, पूरा परिवार है लेकिन ब्रह्म को पाने के प्रयास में एक बार भी कोताही नहीं बरती | सब साथ साथ चलता रहा | मैंने धीरे धीरे प्रभु की कृपा से २४ घंटे चिंतन करना भी सीख लिया |
सुबह उठकर jogging करते, swimming करते, नहाते, खाना खाते, हर समय अंदर चिंतन चलता रहता | बाहरी आवरण में जितनी भीड़, अंदर उतनी चिर शांति | मेरी ब्रह्म से मिलने की चेष्टा seriously ८ १/२ में शुरू हुई और अंततः २२ वर्ष की आयु में मैं १२ वर्ष की तपस्या और ब्रह्मचर्य में लीन हो गया |
साथ में ऑफिस भी चल रहा है और अंदर आध्यात्मिक सफर | ३७ वर्ष की आयु में ३ अगस्त १९९३ की सुबह १.४५ पर ब्रह्म ने दस्तक दी | २ १/२ घंटे मेरे साथ रहे | पहली योनि से ८४ लाखवी योनि का दर्शन कराया, कुछ dictation दिया और फिर अंतर्धान |
जब प्रभु का लिखाया दस्तावेज पढ़ा तो ज्ञात हुआ जीवन की आखिरी देहलीज पर पहुंच गया हूं यानी ८४ लाखवी योनि | यहां पर मैं बड़ी दृढ़ता के साथ कहना चाहूंगा, आध्यात्मिक सफर की शुरुआत हमें जल्दी ही करनी होगी | सभी कार्य भौतिक और आंतरिक साथ साथ चलेंगे |
Right Age to start a Spiritual Journey | आध्यात्मिक ज्ञान लेने की सही उम्र | Vijay Kumar Atma Jnani