भगवद गीता में परम तो छोड़िए गोपनीय ज्ञान कुछ भी नहीं – सब खुली किताब है | सब से छोटी टीका गीताप्रेस, गोरखपुर की Rs. 5/= में, जिसमें 700 मूल श्लोक हैं मिलती है | कितने लोग ज्ञान पा गए ? जो साधक सत्य का मार्ग पकड़ ले – गीता सार उसके सामने ख़ुद-ब-ख़ुद आ जाएगा | हम हृदय से आती सारथी (कृष्ण) की आवाज़ साफ सुनना शुरू कर देंगे |
भगवद गीता में वह तत्व निहित है जिसको जानकर मनुष्य 11 लाख योनियां पार करके खुद को 84 लाखवी योनि में स्थापित कर मोक्ष ले सकता है | कैसे पांचों इन्द्रियों पर कंट्रोल स्थापित होगा, कैसे मोहपाश से पीछा छूटेगा, निष्काम कर्मयोग में कैसे उतरना है, 12 वर्ष की ध्यान और अखंड ब्रह्मचर्य की तपस्या कैसे करनी होगी – सब भगवद गीता में वर्णित है |
समस्या है – सिर्फ पढ़ने से कुछ समझ नहीं आता | जब तक चिंतन में नहीं उतरेंगे – कुछ पल्ले नहीं पड़ेगा |
Power of Absolute Truth | अध्यात्म में सत्य का महत्व | Vijay Kumar Atma Jnani