राम के पिता राजा दशरथ और सीता के पिता राजा जनक अच्छे मित्र थे | तय किया जब बच्चे बड़े होंगे (राम और सीता) तो उनका आपस में विवाह कर देंगे | राजा जनक को राम इसलिए भी प्यारे थे कि उनमें आध्यात्मिकता झलकती थी |
राजा जनक सोचते थे सीता से स्वयंवर के बाद जब दशरथ राम को वनवास जाने के लिए कहेंगे तो जंगल जाने से सीता (जो राजघराने में पली बड़ी थी) मना कर देंगी | लेकिन ऐसा नहीं हुआ |
राजा दशरथ और राजा जनक चाहते थे कि 14 साल के वनवास में राम की 12 वर्ष की ध्यान और अखंड ब्रह्मचर्य की तपस्या पूरी हो जाएगी और राम तत्वज्ञानी होकर लौटेंगे लेकिन सीता राम के साथ जंगल जाने की जिद कर बैठी और plan फेल हो गया |
राम को वनवास भेजना तो बहाना था राम को तत्वज्ञानी बनाने का | राजा जनक खुद महर्षि याज्ञवल्क्य के सान्निध्य में तत्वज्ञानी हो चुके थे और चाहते थे दामाद भी हो जाए | कैकयी तो अकारण ही बदनाम हो गई – राजा दशरथ से गहन प्रेम जो करती थीं |
12 years Tapasya | 12 साल की घोर तपस्या का सच | Vijay Kumar Atma Jnani