सतयुग द्वापर त्रेता तो त्रेता युग द्वापर युग से पहले क्यों आया ?


सभी युगों को घड़ी की सुइयों के हिसाब से देखें | सुबह भोर हो गई – सतयुग चालू हो गया | दोपहर के 2 बजे के बाद सूर्य थोड़ा ढलने लगा और सतयुग खत्म और त्रेता युग चालू – अभी थोड़ी धूप बाकी है | काफी लोग धार्मिक प्रवृत्ति के हैं | शाम के 8 बजने को हैं अंधेरा छाने लगा है और त्रेता युग भी खत्म |

 

द्वापर युग चालू हो गया – अंधेरा ही अंधेरा, धार्मिक प्रवत्ति तो जैसे लुप्त हो गई है | तामसिक प्रवृत्ति का ज्यादा जोर है | रात के 2 बजने को हैं और द्वापर युग भी खत्म हो गया | कलियुग चालू हो गया है | चारों ओर अधर्म का बोलबाला है | सुबह के 5 बजे हैं – गहन काला अंधेरा – 5.15 am पर घोर कलियुग चालू हो जायेगा |

 

अभी हम इसी अवस्था से गुजर रहे हैं | आने वाले 2 वर्षों में world war 3 की आशंका | कलियुग का अंत हमेशा महाभारत से होता है | world war 3 खत्म होते होते 5.45 am बज जायेंगे | ठीक 6 बजे भोर और सतयुग चालू |

 

2024 से 2032 तक का समय आध्यात्मिक दृष्टिकोण से | Vijay Kumar Atma Jnani

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.