सत्य ब्रह्म को प्रतिपादित करता है | कैसे ? जब प्रलय होती है पूरा ब्रह्माण्ड सिमट कर आधे अंगूठे के आकार में आ जाता है | तो पूरा जगत भी मायावी है सत्य नहीं | आधे अंगूठे का आकार क्या है ? यह ब्रह्म हैं | यानी पूरे ब्रह्माण्ड की सारी आत्माएं अपने शुद्ध आकार में आधे अंगूठे का आकार लेती हैं | आध्यात्मिक सत्य क्या है कि ब्रह्म के अलावा किसी और वस्तु का अस्तित्व नहीं है |
Power of Absolute Truth | अध्यात्म में सत्य का महत्व | Vijay Kumar Atma Jnani