सुख और दुख


जिंदगी जीने में कठिनाई कब आती है – इस कठिनाई से कैसे बचें ?

जीवन में अगर ब्राह्म कठिनाइयां आती हैं तो हर इंसान उनसे लड़ सकता है लेकिन अगर अपने ही दुख देने पर उतर आए तो असहाय महसूस करते हैं | इस अवस्था में कोई करे भी तो क्या ? आपके अपने बेटा बेटी, पत्नी या पति, दादा दादी, नाना नानी, मामा मामी या ससुराल के लोग जब जुल्म करने पर उतारू […]


आदमी को ज़िन्दगी भर दुखों से गुजरना पड़ता है – क्या दुःख ही नसीहत में लिखा हैं ?

लाचार ? पूरे ब्रह्मांड के सूर्य खंड में स्थित धरती मां की सबसे उच्च योनि में स्थापित मनुष्य अगर खुद को असहाय, गरीब या लाचार महसूस करे तो – हमें उस प्यारी सी लड़की को देखना चाहिए जिसके दोनों पांव कुछ दरिंदो के कारण ट्रेन के नीचे आने से कट गए और फिर उस धैर्यवान लड़की ने सोचा – बच […]


अगर ईश्वर है तो उनको हमारा दुःख दिखाई सुनाई क्यों नहीं देता ?

जब हमारा पैर चींटीयों पर पड़ जाता है, तो क्या हम दुख मानते हैं ? चींटियों पर क्या गुजरती होगी – क्या हमने सोचा है ? उनमें एक चींटी तो दादी थी – पूरा घर परिवार बिखर गया | यहां खुद भगवान हमारे हृदय में बैठे हैं सारथी के रूप में, हमें हर पल गाइड करने के लिए, लेकिन हम […]


खुशी क्या है हम कैसे खुश रह सकते हैं ?

जिस दिन इंसान अपने अन्दर उमड़ती चाहतों को लगाम/ विराम खुद स्वयं की इच्छा से दे देगा, उसी दिन से वह अपने अंदर चिर शांति महसूस करने लगेगा | सारा द्वंद तो जड़ से खत्म हो गया | किसी के साथ competition नहीं | जितनी चादर उतने ही पैर पसारने हैं | जितना है वह भी ज्यादा लगने लगेगा | […]


भगवान भक्त को दुख क्यों देते है ?

भक्त कौन जो मंदिर जाकर पूजा इत्यादि करता है | या जो भजन कीर्तन में लीन है | या वो जो आश्रमों में जाकर अपने गुरु का सानिध्य करता है | या वो जो साल में 2~3 बार वैष्णो देवी जाकर मत्था टेकता है | या वो जो घर में मंदिर बनाकर सुबह शाम पूजा में बैठता है |   […]