5 वर्ष की आयु से हृदय से साफ आवाज़ आती थी | Guidance भी सही देती थी, कभी झूठ नहीं | फिर भी न जाने क्यों मैंने test करने की ठानी | एक दिन मां ने कहा कुछ लड्डू बनाए हैं, तेरे मामा आएंगे, खाना मत | जब कोई देख नहीं रहा था मैं रसोई में घुसा – लड्डू के डब्बे की तरफ हाथ बढ़ाया तो हृदय से साफ आवाज़ आयी – चुराना गलत बात है, मां ने क्या कहा था ?
उसके बाद भी मैंने एक दो बार फिर test किया – आवाज़ ने कभी धोखा नहीं दिया | काफी समय बाद जब गीताप्रेस, गोरखपुर की टीकाओं पर निगाह डाली तो बात समझ आई | हृदय से आती आवाज़ और कोई नहीं सारथी (कृष्ण) यानि अपनी आत्मा की आवाज़ थी | उसके बाद तो न जाने क्या हुआ, आध्यात्मिक progress 100 गुना तेज हो गई |
37 वर्ष की आयु में 1993 में ब्रह्म से 2 1/2 घंटे का साक्षात्कार हो गया |
Listen to Inner Voice coming from within our Heart | हृदय से आती आवाज को सुनना सीखें | Vijay Kumar