अंतरात्मा की आवाज यानी हृदय में विराजमान सारथी कृष्ण की आवाज़ एक बार भी गलत guidance नहीं देती है | जो सत्य पर स्थापित हो यानी हमारी अंतरात्मा की आवाज – वह कभी गलत दिशा की ओर नहीं ले जा सकती है | अंतरात्मा यानि प्रभु (ब्रह्म) का अंश गलत राह पर कैसे ले जा सकता है ?
हर अंतरात्मा स्वयं की पूर्ण शुद्धि जल्दी से जल्दी चाहती है – इसी कारण वह मनुष्य को हमेशा अंदर से सही दिशा में प्रेरित करने की कोशिश करती रहती है | इंसान अध्यात्म में प्रगति करेगा तो ही अंतरात्मा पूर्ण शुद्धि की ओर धीरे धीरे आगे बढ़ेगी | आत्मा की शुद्धि के लिए मनुष्य का साधना तपस्या में उतरना बेहद जरूरी है |
मुझे 5 वर्ष की आयु से अंतरात्मा ने हमेशा सही दिशा दिखाई – वह तो अपनी मैं (अहंकार) के कारण मैंने कई बार अन्दर से आती अंतरात्मा की आवाज़ को अनसुना कर दिया | यह गलती हर इंसान हर समय करता रहता है – अंतरात्मा की आवाज को न सुनना | इसलिए अध्यात्म में अहंकार को जल्दी से जल्दी अस्त करने का प्रयास करना चाहिए |
अर्जुन के रथ और सारथी कृष्ण का रहस्य | Vijay Kumar… the Man who Realized God in 1993 | Atma Jnani