भारत 10800 वर्षों से हिन्दू राष्ट्र ही है | 1947 से पहले यह कई रियासतों में बंटा हुआ था | लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने सभी रियासतों को खत्म कर पूरे देश को एक कर दिया | भारत बंटा तो देश के भीतर छिपे गद्दारों, जयचंदों के कारण – भारत पर जितने भी आक्रमण हुए वह भी देश में छिपे जयचंदो के कारण ! भारत को हराने की क्षमता दुनिया के एक भी राष्ट्र में नहीं |
झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, महाराणा प्रताप की पावन भूमि को धूल चटाई तो देश में छिपे गद्दारों ने | नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने 2014 में अगर भारत की एक सशक्त देश के रूप में पहचान कराई तो शायद भारतीयों को पहली बार भारतीय होने का गर्व महसूस हुआ | लेकिन मुझे तो मात्र 5 वर्ष की आयु में भारत का सशक्त रूप साफ नजर आता था – बस सच की राह पर चलने की देरी थी |
मुझे ऐतिहासिक कृष्ण और महावीर से लेकर महर्षि रमन की कमी कभी नहीं खली | भौतिक शरीर नहीं तो क्या – उनकी वाणी तो ग्रंथों और शास्त्रों में पूर्ण रूप में उपलब्ध है | सच की राह पर चलते हृदय से आती आत्मा की, कृष्ण की आवाज़ से भलीभांति परिचय हो गया | देश के प्रति प्रेम भावना के कारण समाज में घूमते जयचंदों को पहचानने में कठिनाई नहीं हुई |
कलियुग किसे कहते हैं – जब देश के गद्दारों और जयचंदों का बोलबाला हो | भारत की सशक्त और देशभक्त army के कारण सत्ता कभी इन जयचंदों के हाथ में अब वापस कभी नहीं जा पाएगी | अगर आप भारत देश से प्रेम करते हैं तो एक माननीय नागरिक होने के कारण कभी भी इन जयचंदो और गद्दारों को समाज में जगह न दें | मुट्ठी बंद तो सशक्त भारत और हाथ खुला तो शीर्ण भारत !
हर भारतीय को दूसरों की चिंता नहीं करनी है – बस खुद को जयचंद बनने से रोकना है | हर नागरिक जब जागरूक हो जाएगा – 140 करोड़ भारतीयों की ओर बुरी दृष्टि उठाने वाला व्यक्ति या समाज क्या जिंदा रह पाएगा | आज के समय में जिस तरह बंगाल के doctors एकजुट होकर state की कुरीतियों का सामना कर रहे हैं – उनके सफल होने में क्या कोई शंका है ?
आपने कभी #apkaakhbar के संपादक Pradeep Singh की देशभक्ति को उनके व्याख्यानों में महसूस किया है – सम्पूर्ण भारत भी अगर उनके विरूद्ध एकजुट हो जाए तो भी Pradeep Singh जैसा व्यक्तित्व अपने शब्दों से पीछे नहीं हटेगा – सत्य के पीछे अटल खड़ा मिलेगा | सच मायने में Pradeep Singh जैसे Journalist ही उभरते भारत की विभूति हैं जिन पर हर भारतीय को गर्व होना चाहिए |
भारत अखंड भारत कब तक बनेगा – 2032? Vijay Kumar Atma Jnani