अगर कर्मफल की इतनी ही चिंता है तो अध्यात्म त्याग किसी commercial enterprise में लग जाओ | फिर आराम से profit गिनते रहना | कृष्ण ने भगवद गीता में कितने साफ शब्दों में कहा, कर्म करो निष्काम भाव से, कर्मफल की चिंता किए बिना | लेकिन हमारी मैं के सामने कृष्ण भी कुछ नहीं | कर्म कर रहे हैं तो कर्मफल की चिंता तो होगी ही |
सच्चा आध्यात्मिक साधक कैसे कर्मफल की चिंता कर सकता है ? हमे तो सिर्फ कर्म करते जाना है, वह भी निष्काम भाव से | आज के कलियुग में सब कर्मफल के पीछे हैं | क्या ऐसे साधक जीवन में कुछ भी आध्यात्मिक उन्नति कर पाएंगे ? 11 लाख योनियों का सफर है, कब तक कर्मफल के पीछे भागेंगे ?
Nishkama Karma Yoga | निष्काम कर्म योग का महत्व | Vijay Kumar Atma Jnani