किसी आध्यात्मिक व्यक्ति का व्यवसाय करना सही है क्या ?


अध्यात्म कभी किसी व्यावहारिक क्रिया में आड़े हाथों नहीं आता | अगर आप तैयार हैं तो business खुल कर करें | मेरा goal ब्रह्म तक पहुंचना था इसलिए ब्रह्म ने किताब लिखने की इजाज़त नहीं दी | लेकिन मैं अपने business में managing director था, एक ऑफिस कोचीन में और एक मद्रास में |

 

पिताजी और भाई के साथ बिजनेस चल रहा था रोटिरोजी की खातिर | दिक्कत बहुत आती थी सच बोलने के कारण, बस किसी तरह गाड़ी खिंच गई | सबसे बड़ी मुसीबत एक आध्यात्मिक साधक face करेगा – किसी को भी आपका सत्य हरिश्चंद्र रूप पसंद नहीं | अपने भी, आपको हर stage पर धोखा देंगे |

 

मैं बचपन से उम्मीद करता था – Tata organisation मेरी मदद को आएगा, कोई नहीं आया | वजह ब्रह्म को मालूम |

 

Power of Absolute Truth | अध्यात्म में सत्य का महत्व | Vijay Kumar Atma Jnani

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