क्या भगवान का शुकराना करते हैं दिन में कई बार क्या उसके फायदे हैं ?


यह मनुष्य शरीर आत्मा ने धारण किया है और आत्मा भगवान (ब्रह्म) का अंश है तो ब्रह्म के प्रति कृतज्ञता तो होनी चाहिए | ऐसा करने से विचारों की शुद्धता बरकरार रहती है | भगवान के प्रति अगर कृतज्ञता का भाव हमेशा बना रहता है तो संभव है किसी दिन उसकी खास कृपा हो जाए और हमारे पुण्य प्रारब्ध कर्म फलित हो जाएं |

 

US में 2012 में एक धोबिन की 780 करोड़ की lottery लगी थी – उसके पीछे उस washer woman की भगवान के प्रति कृतज्ञता का भाव का हाथ अवश्य होगा | जब सब कुछ अंततः भगवान में ही समाता है तो अपनी मैं को दरकिनार कर हमें ब्रह्म की कृतज्ञता के लिए समय समय पर उसे धन्यवाद कहते रहना चाहिए |

 

खाना खाने से पहले जो लोग भगवान को grace कहते हैं वह बहुत अच्छी प्रथा है |

 

How do you express Gratitude in words to God? भगवान की कृपा के प्रति कृतज्ञता | Vijay Kumar

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