पशु योनि भोग योनि है | पशु योनि में प्रभु, स्वर्ग नरक की कोई कल्पना नहीं | हां जन्म मरण तो वह भी देखते हैं और भुगतते हैं लेकिन उनके पास और चारा भी क्या है | जैसे ही आत्मा पशु योनि छोड़ मनुष्य योनि में आती है तो ईश्वर, जन्म मृत्यु का चक्र और स्वर्ग नरक की कल्पना, सब साफ़ दिखाई देने लगता है |
What is Swarg Narak | स्वर्ग नरक कहां हैं | Vijay Kumar Atma Jnani