चेतन यानी जिसके अंदर जीवन है – जैसे कीट पतंगे, पेड़ पौधे, पशु पक्षी इत्यादि | धरती पर पहला जीवन अमीबा के रूप में होता है, यानि अमीबा भी एक चेतन जीव है | पहाड़, पत्थर इत्यादि सब जड़ पदार्थ हैं जिनमें जीवन नहीं |
जो यह मानते है कण कण में भगवान व्याप्त हैं वे शाब्दिक अर्थ को देख रहे हैं – अंदर छिपे मर्म को नहीं | किसी भी कहावत को symbolically देखना चाहिए | हर चेतन पदार्थ के मूल में आत्मा होती है | हर शरीर आत्मा ने लिया है |
जब जगत नहीं था, सृष्टि का वजूद नहीं था सिर्फ ब्रह्म थे अपने पूर्ण स्वरूप में | तुरंत Big Bang के द्वारा ब्रह्म फटते है और स्थूल जगत उत्पन्न होने लगता है | जड़ तत्व की उत्पत्ति हो जाती है |
What is a Pralaya in Hinduism? हिन्दू धर्म में प्रलय क्या होती है | Vijay Kumar Atma Jnani