लोगों का ध्यान अध्यात्म की तरफ कभी नहीं जाता | क्यों ? अध्यात्म का मार्ग इंसान, वर्तमान जीवन के कर्मों के कारण नहीं पकड़ता – सब पीछे से आता है, पिछले जन्म के मृत्यु के समय के कार्मिक फल से | महावीर, बुद्ध, आदि शंकराचार्य, रामकृष्ण परमहंस और महर्षि रमण ने आध्यात्मिक शुरुआत जल्दी शुरू कर दी थी | क्या इस जन्म के कर्म उसका कारक थे ?
इस जन्म में आपने देखा होगा, कितना भी कह लीजिए – कुछ लोग बार बार कहने पर भी आध्यात्मिक नहीं होते | क्यों ? क्योंकि वर्तमान में अध्यात्म में कदम रखना उनके प्रारब्ध में लिखा ही नहीं | मैंने 5 वर्ष की आयु में भगवान की ओर मुख मोड़ लिया | क्यों ? आने वाले समय में बताऊंगा ऐसा क्यों हुआ ? पिछले जन्म में मेरे साथ क्या हुआ था ?
लेकिन फिर भी कोई अध्यात्म की तरफ बड़ी शिद्दत के साथ मुड़ता है तो बेहद अच्छी बात है | ऐसे साधकों के लिए मैं 24*7*365 available हूं | हर फंसे हुए प्रश्न को आखिरी तक solve करूंगा | बात मेरे करने की नहीं – साधक की शिद्दत की है |
Right Age to start a Spiritual Journey | आध्यात्मिक ज्ञान लेने की सही उम्र | Vijay Kumar Atma Jnani