जो इंसान बार बार कोशिश के बावजूद जीवन में सफलता नहीं प्राप्त कर पा रहा, उसे चींटियों के झुंड को देखना चाहिए जो ऊपर की तरफ चढ़ रही हों | कुछ चींटियों को अपने वजन से कहीं ज्यादा वजन को ढोते हुए देखेंगे | सभी चींटियां एक ही बार में मंजिल तक नहीं पहुंचती | कुछ को बार बार मेहनत करनी पड़ती है |
कुछ और चींटियों से सलाह भी लेती हैं | आख़िरकार हर चींटी अपने मुकाम तक पहुंचने में कामयाब हो जाती है | हम तो मनुष्य हैं, जीवन में सबसे उच्च योनि में स्थापित हैं | क्या चींटी से हार जायेंगे ? हम तो पैदा ही अर्जुन हुए हैं – हार कैसे मान लें ?
What was the role of Arjuna in Mahabharata? आज का अर्जुन कौन आध्यात्मिक परिवेश में | Vijay Kumar