हम अपनी गाड़ी के अच्छे ड्राइवर तभी बन सकते हैं जब हम महाभारत महाकाव्य के अर्जुन के character को समझ लेंगे | आज के समय में अर्जुन और कोई नहीं हम खुद हैं | हर इंसान इस धरती पर अर्जुन है | आखिरकार अर्जुन है कौन ? हर इंसान जो अध्यात्म का सहारा लेकर तत्वज्ञान प्राप्त करना चाहता है वह अर्जुन है |
यह वर्तमान शरीर आत्मा ने धारण किया है | तो हमें अर्जुन बन कर अध्यात्म की राह जरूर पकड़नी चाहिए | लेकिन पूरी धरती पर ऐसा करने को कोई तैयार नहीं | सभी धार्मिक रीतिरिवाज़ों में उलझे हुए हैं – यह जीवन भी बर्बाद | 12 वर्ष की तपस्या में इस जीवन में भी नहीं उतरे तो कब – जीवन एक ही है |
अध्यात्म की राह पर चलने के लिए सिर्फ सत्य और चिंतन की जरूरत होती है | अगर हम सत्य की राह पर चल सकते हैं और चिंतन में उतर सकते हैं तो हमें स्वामी विवेकानंद बनने से कोई रोक नहीं सकता |
What was the role of Arjuna in Mahabharata? आज का अर्जुन कौन आध्यात्मिक परिवेश में | Vijay Kumar